नई दिल्ली। रतन टाटा (Ratan Tata) किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। बेशुमार दौलत के मालिक होने के बावजूद वो दिखावे से दूर एक बहुत सादगी भरी जिंदगी जीते थे। वे Tata Sons (टाटा संस) के मानद चेयरमैन (Honorary Chairman) और टाटा ट्रस्ट (Tata Trusts) के चेयरमैन रहे। 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। वे ऐसे उद्योगपति (Industrialist) रहे जो दुनिया भर में अनगिनत लोगों को जीवन का लक्ष्य और प्रेरणा देते रहे हैं।
एक प्रशिक्षित पायलट रहे रतन टाटा को वाहनों का भी शौक था। उनके पास एक प्रभावशाली कार कलेक्शन था। जिसमें ‘लखटकिया कार’ टाटा नैनो से लेकर बेशकीमती फेरारी कैलिफोर्निया जैसी कारें शामिल थीं। जबकि ज्यादातर मशहूर लोगों के पास सिर्फ बेहतरीन कारें होती हैं। वहीं, रतन टाटा एक ऐसी शख्सियत हैं जिनके पास Tata Motors (टाटा मोटर्स), Jaguar (जगुआर) और Land Rover (लैंड रोवर) जैसे कई कार ब्रांड हैं। रतन टाटा की तरह इस सूची में शीर्ष पर आना आसान नहीं है।
जगुआर लैंड रोवर
2008 में टाटा मोटर्स ने फोर्ड से जगुआर और लैंड रोवर के अधिग्रहण के लिए Jaguar Land Rover (जगुआर लैंड रोवर) की स्थापना की। यह अधिग्रहण रतन टाटा के नेतृत्व में पूरा हुआ। यह वह घटना थी जिसने जगुआर और लैंड रोवर दोनों के लिए चीजें बदल दीं। क्योंकि ये दोनों कार ब्रांड आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रहे थे। टाटा मोटर्स द्वारा अधिग्रहण के बाद इन दोनों ब्रांडों ने वैश्विक बाजार में अपने लिए चीजें बदल दीं।
जगुआर एक आला लग्जरी और स्पोर्ट्स कार ब्रांड बन गया है। और लैंड रोवर को उस गौरव के साथ पुनर्जीवित किया गया, जो ब्रिटिश साम्राज्य को शर्मसार कर सकता है। ब्रांड की आधुनिक रेंज रोवर रेंज ने अपने लिए एक जगह बना ली है और यह लोकप्रिय संस्कृति का एक हिस्सा भी बन गया है। और फिल्मों, संगीत वीडियो और टेलीविजन सीरीज में केंद्र पर आ गया है। यहां तक कि भारतीय प्रधानमंत्री भी रेंज रोवर्स के काफिले का इस्तेमाल करते हैं।
ऑटोमोटिव हॉल ऑफ फेम
रतन टाटा को ऑटोमोटिव उद्योग में उनके योगदान और जगुआर लैंड रोवर के कायाकल्प के लिए ऑटोमोटिव हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है। टाटा मोटर्स के संस्थापक को 23 जुलाई, 2015 को अमेरिका के डेट्रायट में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में यह सम्मान दिया गया था।
ऑटोमोटिव हॉल ऑफ फेम में शामिल होने का अधिकार उन लोगों को दिया जाता है, जिनका “ऑटोमोटिव उद्योग में सकारात्मक असर” रहा है और जिन्होंने “ऑटोमोटिव उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।” भारतीय और वैश्विक ऑटोमोटिव उद्योग रतन टाटा के कारण आगे बढ़ा है। और ऑटोमोबाइल की दुनिया में उनके योगदान को हमेशा संजो कर रखा जाएगा।
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