नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में 84 उपरत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। जिसमें पांच प्रमुख रत्न हैं। जो है हीरा, पन्ना, माणिक्य, मोती, पुखराज और नीलम। यहां हम आज बात करेंगे नीलम रत्न (sapphire stone) के बारे में, जिसका संबंध शनि देव (Shani Dev) से हैं। ज्योतिष में शनि को ग्रहों का न्यायाधीश (planetary judge) कहा जाता है। इसलिए शनि देव के रत्न का भी रत्न शास्त्र में विशेष स्थान है।
कहा जाता है नीलम रत्न (sapphire stone) अपना असर 24 घंटे में दिखा देता है। लेकिन नीलम को लेकर बाजार में बहुत फर्जीवाडा चल रहा है। मतलब असली नीलम की जगह लोग नकली नीलम बाजार में बेच रहे हैं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं नीलम के पहचान के बारे में। जो असली नीलम खरीदने में आपकी बहुत मदद कर सकतीं हैं।
इस तरह से करें नीलम की टेस्टिंग:
अगर आप नीलम रत्न (sapphire stone) पहनने जा रहे हैं तो उसे सबसे पहले एक नीले कपड़े में लपेटकर अपने तकिये के नीचे एक सप्ताह तक रखें। इस बात पर ध्यान दें कि इसे रखने से नींद अच्छी आ रही है या नहीं। यानी अगर अच्छे सपने आयेंगे तो इसका मतलब नीलम आपको सूट करेगा और अगर बूरे सपने आ रहे हैं तो इसका अर्थ है कि ये रत्न आप न पहनें।
ऐसे करें असली नीलम की पहचान:
नीलम शनिदेव (Shani Dev) का रत्न माना जाता है। ध्यान रखें कि नीलम हमेशा उत्तम क्वालिटी का ही पहनें। असली नीलम रत्न नीले रंग का, पारदर्शक, चमकने वाला, छूने में मुलायम और इसके अंदर किरणें यानी धारियां निकलती प्रतीत होती हैं। अगर नीलम असली है तो इसे दूध के बर्तन में रखने के बाद दूध का रंग नीला दिखाई देने लगता है। इस रत्न को पानी के गिलास में रखने के बाद पानी में से किरणें निकलती दिखाई देती हैं। इस रत्न को खरीदते समय ये भी ध्यान दें कि असली नीलम के अन्दर ध्यान से देखने पर दो परत दिखाई देती है। ये दोनों परत एक-दूसरे के सामान्तर होती है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी सत्यता का दावा नही करते हैं। कोई भी सवाल हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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