नई दिल्ली। बिहार (BIHAR) में ट्रेनों को कैंसिल (cancellation of trains) करने का एक दिलचस्प मामला (interesting case) सामने आया है। रसगुल्ले (rasgulla) की वजह से दर्जनों ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा और करीब 100 ट्रेनों के रूट को डायवर्ट करना पड़ा। रेलवे की ओर से आश्वासन मिलने के बाद ट्रेन सेवाएं बहाल हो सकीं।
यह मामला है बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया रेलवे स्टेशन का. इस स्टेशन पर 10 ट्रेनों को रोकने की मांग को लेकर रसगुल्ला कारोबारियों ने लगभग 40 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक पर टेंट लगा दिये, जिससे ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई. इससे यात्रियों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
ये है पूरा मामला
बड़हिया का रसगुल्ला काफी मशहूर है. इसका स्वाद भी लाजवाब है. यहां के रसगुल्लों की सप्लाई आसपास के जिलों के अलावा आसपास के राज्यों में भी होती है. यहां रसगुल्ले की 200 से भी अधिक दुकानें हैं. रोजाना यहां हजारों रसगुल्ले बनाए जाते हैं. बड़हिया स्टेशन पर लंबी दूरी की और दूसरे राज्यों को जाने वाली मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं है. इस वजह से यहां के मिठाई कारोबारी दूसरे राज्यों को ट्रेन से रसगुल्ले की सप्लाई नहीं कर पाते हैं. इससे इनका कारोबार प्रभावित हो रहा है और बढ़ नहीं पा रहा है।
ट्रैक पर टेंट लगा किया प्रदर्शन
इसी वजह से मिठाई कारोबारियों ने बड़हिया स्टेशन पर 10 ट्रेनें रोकने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. लखीसराय के जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर पटरियों पर बैठ गए और कई एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग की गई. लोग ट्रैक पर ही टेंट लगाकर बैठ गए।
इस पूरे मामले पर जब रेलवे ने लिखित में आश्वासन दिया, तब विरोध प्रदर्शन बंद हुआ. रेलवे ने अभी एक एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव देने का आश्वासन दिया है. रेलवे की ओर अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि किस ट्रेन का यहां ठहराव होगा।
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