उज्जैन । कोरोना के पहले पिक के समय मेडिकल स्टोर्स से ऑक्सीजन पल्स मीटर और थर्मामीटर सहित अन्य दवाइयाँ बिकवाने वाली एक गैंग फिर से सक्रिय हो गई है। बीते 10 दिन में इस गैंग ने लोगों के मन में डर बैठाकर उनकी सिटी स्केन करवाई और कई को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया। यदि कलेक्टर पिछले 10 दिनों में भर्ती हुए मरीजों की जानकारी निकलवाएं एवं उन्हे बगैर भय के मन की बात बताने को कहा जाए तो ऐसे लोग मिल जाएंगे जो यह बता देंगे कि किसने उन्हे प्राइवेट हॉस्पिटल भिजवाया और किसने हमारे पूरे परिवार की बगैर किसी कारण से सिटी स्केन करवा दी।
तीन माह पूर्व ऐसी ही शिकायत के बाद सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल द्वारा जांच करने पर यह बात प्रमाणित होकर सामने आई थी कि रैपिड रिस्पांस टीम जिसे आरआरटी कहा जाता है, के कतिपय सदस्यों को कथित निर्देश मिलने पर, व्हाट्स एप पर अधिकृत सूचना मिलने पर होम होम आइसोलेशन कोरोना मरीजों को कतिपय मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से ऑक्सीजन पल्स मीटर एवं थर्मामीटर तथा दवाइयां बिकवाई गई थी, हालांकि उस समय कोई कार्रवाई सीएमएचओ ने नहीं की। केवल एक डॉक्टर को टीम से हटाया गया था। अब एक बार फिर रैपिड रिस्पांस टीम सुर्खियों में आ गई है।
सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल के अनुसार उनके पास ऐसी शिकायतें आई है और वे जांच करवा रहे हैं। इस बार वे दोषियों को नहीं बख्शेंगे। उन्होंने हिस से चर्चा में बताया कि कतिपय रैपिड रिस्पांस टीम के सदस्यों ने ही खुलासा किया है कि उन्हे यह निर्देश दिए जा रहे हैं कि किसी पॉजीटिव के घर जाओ तो उसके परिवार के लोगों की सिटी स्केन करवाने के लिए कहो। यह पूछने पर कि यदि वे मना करें तो ? जवाब दिया गया कि ऐसा होने पर कहो कि यह गंभीर मामला है,करवाना ही होगी। पर्ची पर नीचे मैरा (निर्देश देनेवाले के अनुसार) नाम लिख देना, ताकि सिटी स्केन करने वाले को पता चल जाएगा कि किसने भेजा है? साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती होकर उपचार करवाने का भी कहें। हॉस्पिटल भेजें तो मैरा बता दें/पर्ची के नीचे नाम लिख दें कि इन्होने रैफर किया है।
रैपिड रिस्पांस टीम के जो सदस्य इन बातों को पसंद नहीं कर रहे हैं, उनमें जमकर छटपटाहट है कि किसी को जर्बदस्ती क्यों इस प्रकार से आर्थिक रूप से चोंट पहुंचाई जाए? वे खुलकर सामने इसलिए नहीं आ रहे हैं, क्योंकि पिछली बार के मेडिकल स्टोर्स के एपिसोड में निर्देश देने वालों को कुछ नहीं हुआ, नुकसान इमानदारों और कर्तव्यनिष्ठों को हो गया।
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