भारतीय वायुसेना (आईएएफ) साल 2020 में राफेल जैसे फाइटर जेट से लैस हुई है. राफेल को अगर खतरनाक जेट कहा जाता है तो उसकी वजह है, उसमें इंस्टॉल हथियार. इन दिनों सेना को पश्चिमी और पूर्वी दोनों ही मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इस चुनौती के बीच ही राफेल बनाने वाली फ्रेंच कंपनी से कहा था कि वह जेट में इंस्टॉल स्कैल्प लॉन्ग रेंज क्रूज मिसाइल के सॉफ्टवेयर को दुरुस्त करने के लिए कहा था. इस नए अपडेशन के साथ ही राफेल की क्षमता में खतरनाक तरीके से इजाफा हो गया है. अब यह जेट कई हजार किलोमीटर तक दुश्मन के अड्डे को ध्वस्त कर सकेगा. स्कैल्प के अलावा राफेल में इंस्टॉल हैमर मिसाइल ने भी नया टेस्ट पास कर लिया है.
राफेल में इंस्टॉल स्कैल्प मिसाइल नए अपडेशन के साथ समुद्र तल से 4,000 मीटर ऊपर स्थित लक्ष्य को भेद सकती है. जबकि इसकी रेंज को 300 किलोमीटर से बढ़ाकर 450 किमी तक कर दिया गया है. यह हथियार अब राफेल का अहम हिस्सा बन गया है. साल 2021 तक आईएएफ को तीन और राफेल फाइटर जेट्स मिल जाएंगे. स्कैल्प में अपडेशन के साथ ही राफेल अब और खतरनाक हो गया है. इस जेट को किसी भी समय पाकिस्तान और चीन बॉर्डर के खिलाफ प्रयोग किया जा सकता है. राफेल की एक स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला में है तो इसकी एक स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में होगी. हाशिमारा एयरबेस सिलीगुड़ी के करीब है और चीन बॉर्डर के लिए काफी महत्वपूर्ण है. अप्रैल 2021 तक आईएएफ के पास 36 राफेल की एक पूरी स्क्वाड्रन रेडी होगी.
स्कैल्प के अलावा राफेल की हैमर मिसाइल ने पिछले दिनों दो टेस्ट्स को सफलतापूर्वक पास किया है. हैमर बनाने वाली फ्रेंच डिफेंस कंपनी साफरान ने ऐलान किया है कि उसने राफेल फाइटर जेट से AASM स्मार्ट म्यूनिशन के भारी वर्जन के दो सेपरेशन टेस्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया है. AASM यानी अर्मामेंट एयर-सोल मॉड्यूलेयर को ही हैमर मिसाइल यानी हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशिन एक्सटेंडेड रेंज के तौर पर जाना जाता है. जो सेपरेशन टेस्ट किया गया है उसमें हथियार के हिस्सों को लॉन्च किया गया ताकि वह लॉन्च प्लेटफॉर्म को साफ कर सकें.
हैमर के 1,000 किलोग्राम वाले वर्जन को काजाक्स फ्लाइट टेस्ट सेंटर में टेस्ट किया गया है. यह हैमर का सबसे भारी वर्जन है जिसे राफेल में इंस्टॉल किया जाएगा. वहीं स्कैल्प मिसाइल की रेंज करीब 1200 किलोग्राम है. राफेल जेट में बियॉन्ड विजुअल रेंज यानी बीवीआर एयर-टू-एयर मिसाइल मिटियोर भी इंस्टॉल है. इसकी रेंहज 100 किमी से ज्यादा है. स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर प्रिसीजन गाइडेड हथियार भी खतरनाक है. स्कैल्प मिसाइल का प्रयोग कमांड, कंट्रोल, कम्यूनिकेशन के साथ एयरबेस, बंदरगाह, पावर स्टेशनों समेत जहाज और पनडुब्बियों तक को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है. यह सर्वोच्च स्तर के रणनीतिक टारगेट्स को भी तबाह कर सकता है.
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