स्विट्जरलैंड में अदालत के एक आदेश के खिलाफ सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए. अदालत के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोग जज से अपना फैसला वापस लेने की मांग कर रहे थे. दरअसल कोर्ट ने पिछले साल हुए रेप के एक मामले में जेल में बंद आरोपी की सजा घटा दी. इसके बाद महिला जज के इस फैसले का लोगों ने जमकर विरोध किया.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल बेसल में 33 साल की एक महिला के घर के बाहर दो पुर्तगालियों ने महिला पर हमला कर दिया था. महिला ने इन दोनों पर रेप का आरोप लगाया था. आरोपियों में से एक 17 साल का नाबालिग है जबकि दूसरा आरोपी 32 साल का है. महिला जज ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता से सिर्फ 11 मिनट तक रेप हुआ जो ‘अपेक्षाकृत कम अवधि’ थी.
नाबालिग आरोपी को अब तक कोर्ट द्वारा सजा नहीं सुनाई गई है जबकि दूसरे आरोपी को 51 महीने की सजा सुनाई गई थी. अब महिला जज ने जेल में बंद आरोपी की सजा को घटाकर 36 महीने कर दिया है. इसका मतलब है कि आरोपी जल्द ही कोर्ट से बाहर आ जाएगा. जज ने अपने फैसले में कहा कि पीड़ित महिला ने पहले आरोपियों को ‘सिग्नल भेजे’ और हमले से पहले वो एक तरह से ‘आग से खेल’ रही थी जिसकी वजह से आरोपियों की हिम्मत बढ़ी.
जज के इन बयानों से वहां की जनता खासा नाराज है. प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं. ये सभी प्रदर्शनकारी अदालत के बाहर पीड़िता के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए एकट्ठा हुए थे. इन सभी ने 11 मिनट तक मौन धारण किया था. इन लोगों के हाथ में एक बैनर था जिसमें लिखा था कि ’11 मिनट बहुत ज्यादा होते हैं.’
कुछ प्रदर्शनकारियों के बैनर में लिखा था, ‘बहुत कम समय तक रेप जैसा कुछ नहीं होता है और ये अदालत है जो कि गलत सिग्नल दे रही है.’ महिला इन दोनों पुरुषों से पहले एक नाइट क्लब में मिली थी. जज लिजलोट हेंज ने ये भी कहा था कि आरोपियों ने बहुत मामूली गलती की है.
जज ने अपने फैसले में कहा था कि सेक्सुअल असॉल्ट की अवधि बहुत कम थी और आरोपियों ने पीड़िता को किसी तरह की स्थायी शारीरिक चोट नहीं पहुंचाई थी. जज ने कहा कि ये महिला आरोपियों से पहले नाइटक्लब में मिली थी और टॉयलेट जाते समय उसने इन्हें एक सिग्नल दिया था.
वहीं पीड़िता के वकील ने अदालत के इस फैसले पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा, ‘यह फैसला निराशाजनक और समझ से बाहर है.’ उन्होंने कहा, ‘ना का मतलब ना होता है और हर किसी को ये स्वीकार करना चाहिए भले ही पीड़िता की लाइफस्टाइल कैसी भी हो. मैं पहले इसके लिखित फैसले का इंतजार करूंगा और फिर देखूंगा कि क्या करना है.’
सजा पूरी होने के बाद अपराधियों को स्विट्जरलैंड से निर्वासित किया जा सकता है. जज के इस फैसले की वहां के कई राजनेता भी आलोचना कर रहे हैं. लोगों ने इस फैसले को यौन हिंसा के सभी पीड़ितों के लिए एक गलत संकेत बताया है. स्विस पीपुल्स पार्टी के जेरोमी रिपॉन्ड ने सवाल किया है कि ‘हम आखिर किस तरह के समाज में रह रहे हैं?’ वहीं एसपीपी सदस्य, पास्कल मेसेरली ने कहा कि पीड़िता को अपना पूरा जीवन इस तथ्य के साथ जीना होगा कि आरोपी की सजा पर्याप्त नहीं थी.
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