नरसिंहपुर। न्यायालय चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट नरसिंहपुर विवेक बुखारिया (POCSO Act Narsinghpur Vivek Bukharia) के न्यायालय (Court) द्वारा बलात्कार (rape) करने के प्रकरण में आरोपी ब्लू बेंड्रिन को भा.द.स. की धारा 376 ( 2 ) ( एन ) एवं 376 ( 2 ) ( एफ ) में 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000-2000 रुपये जुर्माने एवं भा.द.स. की धारा 506 में 06 माह का कारावास एवं 200 रुपये जुर्माना और भा.द.स. की धारा 328 में 02 वर्ष 500 रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है।
जिला अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी द्वारा बताया गया कि प्रार्थिया की दीदी की शादी आरोपी ब्लू बेंड्रिन के साथ हुई है। प्रार्थिया अपनी दीदी के साथ दीदी की ससुराल में कुछ दिनों के लिए रहने आई थी। प्रार्थिया की दीदी एक बार आवश्यक काम से घर से बाहर महाराष्ट्र गई थी। तभी प्रार्थिया को सर्दी-जुखाम होने के कारण उसने अपने जीजा से सर्दी की दवाई लाने को कहा तो आरोपी ने प्रार्थिया को सर्दी की दवाई के स्थान पर ऐसी दवाई दी जिससे कि प्रार्थिया को नींद आने लगी। आरोपी ब्लू बेंड्रिन ने ऐसी स्थिति में प्रार्थिया के साथ गलत काम किया। प्रार्थिया ने चिल्लाने की कोशिश की तो आरोपी ने प्रार्थिया के मुंह को कपड़े से दबा दिया और इस प्रकार आरोपी रोज-रोज प्रार्थिया के साथ गलत काम करने लगा। जब भी प्रार्थिया अपनी दीदी को कुछ बताने की कोशिश करती तब-तब आरोपी ब्लू बेंड्रिन अभियोक्त्री के साथ मारपीट करता और कहता कि अगर यह बात किसी को बताई तो जान से मार दूंगा। एक दिन अचानक प्रार्थिया की तबियत खराब हुई तो प्रार्थिया की माँ ने अपने बेटी को सरकारी अस्पताल में इलाज कराया तो डॉक्टर ने बताया कि प्रार्थिया प्रेग्नेंट है। तब प्रार्थिया ने आरोपी के द्वारा किए गए गलत काम के बारे में अपने घर वालों को बताया। परिवार के द्वारा घटना की जानकारी पुलिस कार्यालय जबलपुर को दी गई जहां से महिला थाना कार्यवाही हेतु भेजा गया।
घटना स्थल नरसिंहपुर का होने के कारण आगामी कार्यवाही हेतु पुलिस डायरी संबंधित थाने को प्रेषित की गई जहाँ विवेचना की गई और आवश्यक साक्ष्य का संकलन उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) नरसिंहपुर में प्रस्तुत किया गया। आरोपी ने आरोपों से इंकार कर विचारण चाहा। विचारण में न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर से 12 गवाह परीक्षित कराए गए और आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए। अंतिम तर्क के स्तर पर अभियोजन द्वारा विभिन्न न्याय दृष्टांत प्रस्तुत किए गए। न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 376 ( 2 ) ( एन ) ( एफ ), 328, 506 में दोषसिद्ध पाया प्रकरण की पैरवी अभियोजन की ओर से विनोद परोहा जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं प्रदीप कुमार भटेले अति . जिला लोक अभियोजन अधिकारी के द्वारा की गई ।
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