नई दिल्ली(New Delhi) । नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नोटिस जारी करके बताया है कि कुछ बैंकों के UPI, IPMS और अन्य पेमेंट सिस्टम अस्थायी रूप से ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। क्योंकि, कई बैंकों को सर्विस देने वाले C-Edge Technologies सिस्टम पर ‘रैनसमवेयर’ का हमला हुआ है। सी-एज टेक्नोलॉजीज की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का एक ज्वाइंट वेंचर है।
एनपीसीआई ने 31 जुलाई की शाम 6.39 बजे सोशल मीडिया पर एक नोटिस में कहा, “पेमेंट ईको सिस्टम पर बड़े इम्पैक्ट को रोकने के लिए, सी-एज टेक्नोलॉजीज को NPCI द्वारा संचालित रिटेल पेमेंट सिस्टम तक पहुंचने से अस्थायी रूप से अलग कर दिया है। C-Edge द्वारा सेवा प्राप्त बैंकों के ग्राहक इस अवधि के दौरान पेमेंट सिस्टम तक नहीं पहुंच पाएंगे।”
कौन-कौन से बैंक प्रभावित
खबर मुताबिक एनपीसीआई ने कहा, “एनपीसीआई के संज्ञान में यह बात आई है कि सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सेवाएं देने वाली टेक सर्विस प्रोवाइडर सी-एज टेक्नोलॉजीज पर रैनसमवेयर हमला हुआ है, जिससे उनके कुछ सिस्टम प्रभावित हुए हैं। सी-एज टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर युद्धस्तर पर बहाली का काम चल रहा है और आवश्यक सुरक्षा समीक्षा की जा रही है। प्रभावित बैंकों से जल्द से जल्द संपर्क बहाल कर दिया जाएगा।”
क्या है रैंसमवेयर अटैक
एसोसिएशन ऑफ सर्टिफाइड फाइनेंशियल क्राइम स्पेशलिस्ट्स (एसीएफसीएस) की कार्यकारी सदस्य शीतल आर भारद्वाज के अनुसार, “रैंसमवेयर हमला एक प्रकार का साइबर हमला है, जिसमें मैलवेयर पीड़ित के डेटा को एन्क्रिप्ट कर देता है या उन्हें उनके सिस्टम से लॉक कर देता है। फिर हमलावर डेटा या सिस्टम तक पहुंच बहाल करने के बदले में फिरौती की मांग करते हैं।”
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