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    बाल रूप में संवरे रणजीत, मंदिर पर विशेष व्यवस्थाएं

  • April 16, 2022

    कोरोना के दो साल बाद पूरे शहर में हनुमान जन्मोत्सव की धूम
    इन्दौर। आज शायद ही देश में कोई ऐसा कोना होगा, जहां हनुमान जन्मोत्सव की धूम नहीं होगी। कोरोना के कारण पिछले दो सालों से हनुमान भक्त घरों पर ही हनुमान जन्मोत्सव मना रहे थे, लेकिन कोरोना संकट के बादल छंटने के बाद आज हर गली-मोहल्ले और कॉलोनियों में जन्मोत्सव की धूम मची हुई है, जहां महाआरती के साथ भंडारे के आयोजन किए जा रहे हैं।

    शहर के प्रमुख हनुमान मंदिरों पर आज महाआरती के आयोजन तो किए गए, वहीं छोटे-छोटे मंदिरों को भी आकर्षक रूप में सजाया गया है। कहीं रामायण पाठ तो कहीं सुंदरकांड पाठ किया जा रहा है। कहीं फूल बंगला तो कहीं बाल रूप में भगवान हनुमान दर्शन दे रहे हैं। कोरोना काल में भीड़ पर रोक थी और मंदिरों में भी कोरोना गाइड लाइन का पालन करवाया जा रहा था, इसलिए लोगों ने पिछले दो साल से घर में ही हनुमान जन्मोत्सव मनाया, लेकिन आज लगभग हर गली में भंडारों के आयोजन किए जा रहे हैं। कहीं पूड़ी-रामभाजी का प्रसाद बांटा जाएगा तो कहीं दाल-बाफले भी खिलाए जाएंगे। कहीं फरियाली खिचड़ी का प्रसाद बांटने की भी तैयारी है।


    सुबह से दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा
    पश्चिम क्षेत्र स्थित श्री रणजीत हनुमान मंदिर में आज सुबह से दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह 6 बजे आरती हुई, जिसमें हजारों भक्त शामिल हुए। आरती में शामिल होने के लिए अलसुबह से ही भक्त पहुंचने लगे थे। हनुमान जयंती के लिए यहां दो दिन से विशेष तैयारियां की जा रही थीं। मंदिर को जहां महाराष्ट्रीयन थीम पर हनुवंतवाड़ा की तरह सजाया गया है, वहीं भक्तों के लिए व्यवस्था संभालने पहुंचे भक्त मंडल के सदस्य भी महाराष्ट्रीयन पहनावे में नजर आए। मंदिर के मुख्य पुजारी पं. दीपेश व्यास ने बताया कि हनुमानजी को आज बाल स्वरुप में सजाया गया। आरती के बाद से ही यहां बाबा के दर्शन के लिए भक्तों का आने का सिलसिला जारी है, जो दिनभर चलेगा। दिनभर में पचास हजार से ज्यादा भक्त दर्शन के लिए पहुंचेंगे। गर्मी में भक्तों को परेशानी न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।

     

    यहां भी होंगे हनुमान जन्मोत्सव के आयोजन और भंडारे
    बड़े हनुमान मंदिरों के साथ ही छोटे-छोटे मंदिरों और ओटलों पर विराजित वीर बजरंगी को सजाया गया है। वीर सावरकर मार्केट में दाल-बाफले का भंडारा किया जा रहा है तो इंद्रपुरी के हनुमान मंदिर में करीब 40 हजार लोगों की भोजन प्रसादी तैयारी की गई है। तिलक नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली जा रही है। मालवा मिल पंचमुखी हनुमान मंदिर पर विशेष शृंगार किया गया है। समर पार्क कॉलोनी में भी मंदिर में विशेष साज-सज्जा की गई है तो विद्याधाम में 56 भोग लगाए गए हैं।

    हनुमान प्राकट्योत्सव … ब्रह्म मुहूर्त में हुई आरतियां
    वीर पराक्रमी, ज्ञान गुण सागर दाता का प्राकट्योत्सव आज शहर में उल्लास, भक्ति और पूर्ण आस्था के साथ मनाया गया। मंदिरों में तडक़े अभिषेक कर चोला चढ़ाया गया और अलसुबह जन्मोत्सव की महाआरती धूमधाम से की गई। सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा के पाठ किए गए। आज सायंकाल भी कई मंदिरों में महाआरती की जाएगी।


    आज चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि देर रात्रि 02.25 बजे से प्रारंभ हुई, जो कल दोपहर 12.24 बजे तक रहेगी। प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर, वीर अलीजा हनुमान मंदिर पंचकुइया, हंसदास मठ बड़ा गणपति, मनकामेश्वर कांटाफोड़ मंदिर, सुभाष चौक हनुमान मंदिर, श्री विद्याधाम हनुमान मंदिर, मल्हारगंज प्राचीन हनुमान मंदिर, नौलखा हनुमान मंदिर, गांधी हॉल परिसर स्थित वीर हनुमान मंदिर, चिंताहरण हनुमान उषानगर, सालासर हनुमान मंदिर राधानगर, खजराना गणेश मंदिर, गीता भवन , अन्नपूर्णा मंदिर सहित शहर के सभी हनुमान मंदिरों में धूमधाम से आरतियां की गईं, जिनमें हजारों भक्तगण शामिल हुए। आज दिनभर दर्शन, हनुमान चालीसा पाठ व पूजन-अर्चन का दौर चलेगा। वहीं शहर में सैकड़ों स्थानों पर भंडारों का आयोजन भी सायंकाल से देर रात तक चलेगा। इसमें हजारों भक्त प्रसाद ग्रहण करेंगे। सभी मंदिरों को आकर्षक विद्युत से सजाया गया है। कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल से हनुमान जन्मोत्सव भक्त सामूहिक रूप से नहीं मना पा रहे थे। वहीं आज हनुमान भक्तों का उत्साह और हर्षोल्लास पूरे उफान पर है।


    आज हर्षण और रवि योग का संयोग
    चैत्र मास की पूर्णिमा पर रामभक्त हनुमान का प्रकटोत्सव कई शुभ योगों के बीच मनाया गया। हनुमानजी की पूजा के विशेष दिन मंगलवार और शनिवार माने गए हैं। संयोगवश आज शनिवार है। आज हर्षण और रवि योग है। हस्त नक्षत्र सुबह 8.38 तक रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा, जो कल सुबह 8.50 तक रहेगा, जो इस दिन की शुभता में वृद्धिकारक होंगे। इन विशेष फलदायी योग में आज हनुमत आराधना कर महाप्रभु की कृपा पाई जा सकती है ।
    हनुमान चालीसा पाठ का महत्व
    हनुमान चालीसा बजरंगबली की एक बेहद सहज और सरल 40 छंदों वाली रचना है। तुलसीदासजी ने इस महाकाव्य की रचना की है। मान्यता है कि हनुमान चालीसा के पाठ से कई तरह की तकलीफों का नाश हो जाता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि के साथ आरोग्य का वास होता है। यदि किसी कारण मन अशांत है तो हनुमान चालीसा के पाठ से मन को शांति मिल सकती है। हर तरह के भय का नाश भी इसके पाठ से हो सकता है। शनिदेव के समक्ष हनुमान चालीसा के पाठ से उन्हें प्रसन्न किया जाता है।

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