आत्महत्या करने वाली विवाहिता भाई से बोली थी तू ऊपर गया तो संक्रमण की चपेट में आ जाएगा
इंदौर। राजेंद्र नगर (Rajendra Nagar) के सेंचुरी पार्क (Century Park) के रहने वाले कोरोना संक्रमित (Corona Infected) डिप्टी रेंजर पवन पंवार (Deputy Ranger Pawan Panwar) की निजी अस्पताल में मौत के बाद पत्नी नेहा ने फ्लैट में जाकर आत्महत्या कर ली थी। दोनों का अंतिम सस्कार कल बड़वानी (Barwani) स्थित पवन के गांव में हुआ था। बताया जा रहा है कि पवन की आखिरी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। यह बात उसकी मां ने बताई, लेकिन फेफड़ों (Lungs) में संक्रमण होने के चलते जान नहीं बच पाई।
पवन को भंवरकुआं क्षेत्र के निजी अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए 13 दिन पहले भर्ती कराया गया था। पवन की हालात तीन दिनों में ज्यादा बिगडऩे लगी तो नेहा को एहसास हो गया था अब पवन नहीं बच पाएगा। कल जैसे ही पवन की मौत की खबर नेहा को मिली तो वह भाई के साथ राजेंद्र नगर (Rajendra Nagar) स्थित सेंचुरी पार्क (Century Park) में फ्लैट में कुछ सामान लेने गई थी। यहां उसने मल्टी के नीचे ही भाई को रोक दिया। उसने कहा कि तुम नीचे रूको ऊपर फ्लैट में मैं और पवन रुके थे, इसलिए वहां संक्रमण फैला हुआ था। भाई नीचे खड़ी गाड़ी पर बैठा रहा। जब नेहा 15 मिनट नहीं लौटी तो भाई ने उसे फोन लगाया। उसने फोन नहीं उठाया तो वह ऊपर गया और देखा तो नेहा फांसी के फंदे पर लटक चुकी थीं। उसकी सांसे रूक गई थी। इसके बाद उसने अन्य परिजन और रिश्तेदार को फोन लगाया। नेहा के पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को ससुराल ले जाया गया। पवन की भी कोरोना की आखिरी रिपोर्ट निगेटिव आई थी, जिसके चलते परिजन शव ले गए और दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।
एक ही एंबुलेंस में दोनों के शव, किसी जिम्मेदार ने नहीं रोका
संक्रमित रेंजर पवन की पहले निजी अस्पताल (Private Hospital) में मौत हुई थी, बाद में पत्नी नेहा ने जान दे दी। पवन के शव को काफी देर तक एंबुलेंस में रखा गया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल लेकर गए और नेहा का शव भी उसी एंबुलेंस से बड़वानी लेकर गए। पवन के घरवाले जरूर कह रहे है कि उसकी आखिरी रिपोर्ट निगेटिव थी, लेकिन फेफड़ों में संक्रमण तो था। दोनों शव को एक साथ ले जाने पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने कुछ नहीं बोला। जबकि कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार पवन के शव को बड़वानी लेकर जाना संक्रमण को फैलाना था। पवन ही नहीं, बल्कि कई मामलों में ऐसे ही हो रहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के शव को घर ले जा जाया जा रहा है।
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