उज्जैन: उज्जैन (Ujjain) के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Famous Mahakaleshwar Temple) में 30 मार्च को रंगपंचमी के दौरान भक्तों को बाहर से रंग लाने की अनुमति नहीं होगी. जिला प्रशासन (district administration) ने सोमवार को मंदिर के गर्भगृह में लगी आग के बाद यह फैसला लिया है. सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान मंदिर के गर्भगृह में आग लगने से सेवकों सहित 14 पुजारी झुलस गए थे.
उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में रंगपंचमी यानी 29 मार्च को रंग और गुलाल ले जाने पर बैन लगा दिया गया है. प्रशासन ने यह फैसला होली पर गर्भगृह में आग लगने की घटना के बाद लिया है. इसके लिए मंगलवार को गाइडलाइन भी जारी की गई. उज्जैन जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया, होली के साथ-साथ रंगपंचमी पर महाकालेश्वर मंदिर में रंगों का त्योहार भी मनाया जाता है. हमने फैसला किया है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति रंगपंचमी पर ‘टेसू’ (पलाश) के फूलों से बने हर्बल रंग की व्यवस्था की जाएगी.
उन्होंने कहा कि रंगपंचमी पर किसी भी श्रद्धालु को बाहर से मंदिर परिसर में रंग लाने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही रंगपंचमी पर सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान भक्तों की संख्या भी नियंत्रित की जाएगी. कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि आज भस्म आरती में कपूर आरती के दौरान गुलाल से थाली में आग लगने से आग गर्भगृह में फैली, जिसे त्वरित रूप से काबू भी पा लिया गया था जिसमें 14 पुजारी व अन्य लोग घायल हो गए थे.
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