अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) में भव्य तरीके से श्रीराम जन्मभूमि (Sri Ram Janmabhoomi) बनाया जा रहा है और इस समय मंदिर (Temple) का गर्भ गृह (sanctum sanctorum) तैयार हो चुका है. मंदिर की पहली मंजिल का काम पूरा होने के साथ ही अगले साल मकर संक्रांति के बाद (16 से 24 जनवरी के बीच) कभी भी रामलला (ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाएगी.
राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय (Champat Rai) कल रविवार को हरिद्वार पहुंचे तो उन्होंने यहां संतों से मुलाकात कर उन्हें मंदिर निर्माण कार्य से जुड़े काम की प्रगति की जानकारी दी. साथ ही उन्हें मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने का निमंत्रण भी दिया.
सालों पुराना सपना पूरा हो रहाः चंपत राय
चंपत राय ने कहा कि दुनियाभर के करोड़ों राम भक्तों का एक पुराना सपना अब पूरा होने वाला है. कई सालों से जारी विवाद के बाद अब अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने वाले हैं. उन्होंने यह भी कहा, “अगले साल मकर संक्रांति के बाद 16 से 24 जनवरी के बीच किसी भी शुभ अवसर पर मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाएगी.”
श्री रामजन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर चल रहे निर्माण कार्य के छायाचित्र। pic.twitter.com/vyXM9oakuD
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) August 20, 2023
प्राण प्रतिष्ठा के लिए साधु-संतों को निमंत्रित किए जाने को लेकर चंपत राय ने कहा, “मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए साधु-संतों को अभी मौखिक निमंत्रण दिया जा रहा है लेकिन नवंबर में साधु-संन्यासियों विधिवत न्यौता भी दिया जाएगा.” साथ ही यह भी कहा कि देश के सभी परंपराओं से जुड़े साधु और संतों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया जायेगा.
मंदिर में अब तक कितना काम पूरा
चंपत राय ने मंदिर के तैयार होने के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गर्भ गृह में जिस जगह रामलला की भव्य मूर्ति को स्थापित किया जाना है उसे पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि दोमंजिला मंदिर की पहली मंजिल की छत का काम करीब 80 फीसदी पूरा हो चुका है.उन्होंने कहा कि मंदिर में भक्तों के दर्शन के साथ-साथ निर्माण कार्य भी जारी रहेगा और इस दौरान किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी.
इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि भगवान श्रीराम ने चंपत राय को अपने मंदिर के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी है और हमारा मानना है कि उन्हें (चंपत राय) देखने मात्र से ही संतों को भगवान राम के दर्शन हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि सभी साधु-संतों को मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होना चाहिए.
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