अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य (Construction work of Ram’s temple) तेजी से चल रहा है. ऐसे में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा (Construction Committee Chairman Nripendra Mishra) ने कहा है कि तीन मंजिला राम मंदिर (three storey ram temple) के भूतल का निर्माण दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा और प्रतिष्ठा समारोह (consecration ceremony) 22 जनवरी को होगी. राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास जी महाराज (Satyendra Das Ji Maharaj) ने बताया कि 15 जनवरी से 24 जनवरी को अनुष्ठान होगा. हमारी ओर से पीएमओ को पत्र लिखा गया और इसपर जवाब भी आ गया है. अब यह तय हो चुका है कि 22 तारीख को प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) अयोध्या आएंगे, तो प्राण प्रतिष्ठा 22 तारीख को ही होगी. इस कार्यक्रम के लिए और भी लोगों को बुलाया गया है.
नृपेंद्र मिश्रा ने यह भी कहा कि एक उपकरण डिजाइन करने पर काम चल रहा है जिसे मंदिर के शिखर पर स्थापित किया जाएगा, जिससे हर साल राम नवमी के दिन गर्भगृह में देवता के माथे पर सूर्य की किरणें क्षण भर के लिए पड़ेंगीं. उन्होंने कहा कि इसे बेंगलुरु में बनाया जा रहा है और इसके डिजाइन की देखरेख वैज्ञानिक कर रहे हैं. केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की और पुणे के एक संस्थान ने संयुक्त रूप से इसके लिए एक कम्प्यूटरीकृत कार्यक्रम बनाया है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के फैसले में अयोध्या में विवादित जगह पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था. इसके अलावा अदालत ने केंद्र सरकार को नई मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक पांच एकड़ का जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था. अदालत ने फैसला सुनाया था कि विवादित भूमि की 2.77 एकड़ जमीन जहां 16वीं सदी की ध्वस्त बाबरी मस्जिद थी, वह केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी और फैसले के तीन महीने के भीतर मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी.
गौरतलब है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी को अभिषेक समारोह के लिए आमंत्रित करेगा, जिसके दौरान राम लला की मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएगी. मंदिर ट्रस्ट ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद राम लला के अभिषेक की प्रक्रिया शुरू करने और राम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ (प्रतिष्ठा) का 10 दिवसीय अनुष्ठान करने का फैसला लिया है. ट्रस्ट के सदस्य नृपेंद्र मिश्रा ने जून में कहा था कि राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 24 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर भक्तों के लिए खुलने की संभावना है.
इंटरव्यू के दौरान एक सवाल के जवाब में, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने इस सुझाव को खारिज नहीं किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले होने वाले समारोह के राजनीतिक निहितार्थ होंगे. उन्होंने कहा, ‘मंदिर के भूतल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा करने की योजना बनाई गई थी और यह काम निश्चित रूप से तय समय के भीतर पूरा हो जाएगा.’ उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण इस दृष्टि से किया जा रहा है कि इसकी संरचना कम से कम 1,000 साल तक चलेगी मिश्रा ने कहा, ‘प्राण प्रतिष्ठा’ जानकार संतों और संतों के परामर्श से शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है जो इस नियोजित समारोह के विवरण पर काम कर रही है. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा, जब अगले साल 22 जनवरी को समारोह होगा, तो भारी भीड़ होने की उम्मीद है. ट्रस्ट ने लोगों से इसे अपने घरों, गांवों से (टेलीविजन प्रसारण के माध्यम से) देखने का आग्रह किया है.’
मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने अभी तक यह सूचित नहीं किया है कि वह किस तारीख को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से संबंधित समारोह में शामिल होंगे, उन्होंने कहा कि अंतिम कार्यक्रम आने पर ट्रस्ट इसकी घोषणा करेगा. लेकिन ऐसा 20-24 जनवरी के दौरान होने की उम्मीद है. क्योंकि उसके बाद पीएम गणतंत्र दिवस और अन्य कार्यक्रमों में बहुत व्यस्त रहेंगे. प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित लोगों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 10,000 लोगों की शूरुआती लिस्ट तैयार की जा रही है, जिसमें साधु-संत, राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोग आदि शामिल होंगे.
जब उनसे अभिषेक समारोह के बाद आने वाले भक्तों के लिए योजना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, उन्हें ‘दर्शन’ के लिए 15-20 सेकंड का समय मिलेगा, लेकिन वे मंदिर परिसर में समग्र अनुभव से संतुष्ट होंगे. मंदिर की वास्तुकला और निर्माण सामग्री पर मिश्रा ने कहा, इसके निर्माण में लोहे का उपयोग नहीं किया गया है और पत्थर के खंडों को जोड़ने के लिए तांबे का उपयोग किया गया है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved