उज्जैन। महाशिवरात्रि का पव 1 मार्च को शहर में 21 लाख दीपक लगाने का रिकॉर्ड कायम होने वाला है। इसके लिए रामघाट और दत्त अखाड़े को तथा नृसिंह घाट को विशेष रूप से सजाया गया है। प्रशासन द्वारा महाशिवरात्रि को विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए 21 लाख दीपक लगाने की व्यवस्था की जा रही है, इसके लिए नदी के सभी घाटों पर रंगीन कलर से आयताकार ब्लॉक बनाए गए हैं और सेक्टर भी बनाए गए हैं जिन्हें अलग-अलग नंबर दिए गए हैं। इसके अलावा पूरे घाट के किनारे पर भगवा ध्वज सजाए गए हैं तथा नगर निगम ने यहां साज सज्जा के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण के ऊंचे आसमान में उड़ते हुए गुब्बारे लगाए गए हैं जिन पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 लिखा गया है।
नदी के घाटों को अच्छी तरह से साफ किया जा रहा है। पहले एक ब्लॉक में 200 दीपक लगाने की योजना थी लेकिन अब 225 दीपक एक ब्लॉक में लगाए जाएंगे और कुल मिलाकर सिद्धवट घाट से लेकर त्रिवेणी घाट तक 1300000 दीपक लगाने का रिकॉर्ड प्रशासन करना चाहता है और इसके अलावा 800000 दीपक शहर के घरों एवं सार्वजनिक बिल्डिंगों तथा शासकीय कार्यालयों में लगाने की योजना बनी है। इसी को ध्यान में रखते हुए पूरी व्यवस्था की जा रही है। नदी जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग शुरू कर दी गई है। दीप प्रज्वलन के दौरान आम व्यक्ति इन घाटों पर प्रवेश नहीं कर सकेगा। घाटों पर दीपक लगाने के लिए करीब 12 हजार स्वयं सेवी कार्यकर्ताओं का इंतजाम प्रशासन ने किया है जिसमें स्वयंसेवी संस्था और राजनीतिक दलों ने सहयोग किया है। इन सभी स्वयंसेवकों के कार्ड बनाए जाएंगे और उस कार्ड को दिखाकर ही नदी के घाट पर यह प्रवेश कर सकेंगे। दोपहर 3 बजे के पहले सभी स्वयंसेवकों को नदी के घाटों पर प्रवेश करना होगा और 3 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक दीपक लगाने की प्रक्रिया चलेगी और शाम 7 से साडे 7 तक ड्रोन से गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की टीम इन दीपक की गिनती करेगी और वल्र्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा।
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