नई दिल्ली: बेंगलुरु रामेश्वरम ब्लास्ट केस (Bengaluru Rameshwaram Case) में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. दोनों आतंकी ISIS-अल हिंद मॉड्यूल (ISIS-al Hind module) से जुड़े हैं. दक्षिण भारत के राज्य खासकर कर्नाटक, केरल और महाराष्ट्र इस मॉड्यूल के निशाने पर हैं. दोनों आरोपियों की योजना बड़े पैमाने पर इन राज्यों में विस्फोट करने की थी. एनआईए सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर आईएसआईएस खुरासान के निर्देश पर इस मॉड्यूल को पिछले तीन सालों से संचालित किया जा रहा है. खुफिया एजेंसी का यह भी मानना है अब्दुल मतीन और मुसाबिर को विदेश से निर्देश मिलते थे. ISIS अल हिंद मॉड्यूल देश के लिए बड़ा खतरा है. कई राज्यों में अल हिंद मॉड्यूल के स्लीपर सेल फैले हैं.
सूत्रों के मुताबिक जाली आधार कार्ड के आधार पर अब्दुल मतीन ताहा और मुसाबिर हुसैन शाजिब फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर कई होटलों में रुके थे. इन्होंने फर्जी आधार कार्ड देकर कई होटलों में ठहरने का काम किया. अपनी पहचान को छिपाने के लिए इन्होंने हिन्दू नाम से आधार कार्ड बनाए. रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के आतंकी कोलकाता में कई दिन तक होटल बदल- बदल कर छुपे रहे. 12 मार्च को दोनों कोलकाता पहुंचे और सबसे पहले एस्प्लानेड इलाके के एस्प्लानेड इन होटल में चेक इन किया. यहां उन्होंने बताया कि वे ऑफिस के काम से सिलीगुड़ी से कोलकाता आए हैं.
जहां पर ताहा ने विघ्नेश बी.डी के नाम से फर्जी आधार कार्ड पर चेक इन किया. अगले दिन वहां से चेक आउट किया और लेनिन सरणी के पैराडाइस होटल में चेक इन किया. यहां पर कहा कि दार्जिलिंग से आये हैं और यहां से चेन्नई जाएंगे. यहां अगले दिन चेक आउट किया. जहां पर ताहा ने अनमोल कुलकर्णी के नाम के आधार कार्ड पर चेक इन किया. 14 से 20 मार्च के बीच वो कहां रहे, अभी पुलिस और एजेंसियां इसकी जांच कर रहे हैं. 21 मार्च को ये खिदिरपुर के गार्डेन गेस्ट हाउस में चेक इन करते हैं, और अगले दिन चेक आउट किया. इसके बाद 25 मार्च को खिदिरपुर के पैराडाइस होटल में चेक इन किया. 28 मार्च को वहां से चेक आउट कर दीघा गए. जहां से उनकी गिरफ्तारी हुई. दीघा समुद्र तट पर एक पर्यटक स्थल है. दीघा में भी ये लोग होटल बदलते रहे.
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