नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक (Real estate company Unitech) के पूर्व निदेशक रमेश चंद्रा (Former Director Ramesh Chandra) को जेल प्रशासन के सामने शनिवार तक आत्मसमर्पण (surrender) करने का आदेश दिया है। घर खरीदारों के 5,826 करोड़ रुपये की हेराफेरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering cases) में आरोपी चंद्रा इलाज के नाम पर डेढ़ साल से भी अधिक समय से अंतरिम जमानत पर हैं।
जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और इस तथ्य पर गौर करने के बाद शुक्रवार को आदेश दिया कि चंद्रा की बीमारी जानलेवा नहीं है, जेल में उसका इलाज संभव है। कोर्ट ने हालांकि जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि रमेश चंद्रा के इलाज की निरंतरता के लिए सप्ताह में कम से कम दो बार उनके स्वास्थ्य का मूल्यांकन किया जाए। चंद्रा को 28 जुलाई, 2023 को अंतरिम जमानत मिली थी, जो समय-समय पर आगे बढ़ती रही।
विशेष अस्पताल में इलाज के लिए जमानत नहीं
जस्टिस मेंदीरत्ता ने कहा कि चिकित्सीय सलाह के मुताबिक, याचिकाकर्ता के इलाज के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। याचिकाकर्ता केवल अपनी पसंद के विशेष अस्पताल में इलाज के अधिकार के रूप में जमानत का दावा नहीं कर सकता। जज ने कहा कि जेल अधीक्षक नियमों के हिसाब से जेल अस्पताल में इलाज की सुविधा देंगे।
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