नई दिल्ली (New Delhi) । इस्लामिक कैलेंडर (islamic calendar) के नौंवे महीने को रमजान का महीना (month of ramadan) कहा जाता है. इस साल रमजान की पहली सेहरी 12 मार्च मंगलवार की सुबह खाई जाएगी. सेहरी खाने के बाद पहले रोजे की शुरुआत हो जाएगी. शाम को इफ्तार के समय रोजा खोला जाएगा. जिसके बाद तरावीह नमाज (Namaz) की भी शुरुआत हो जाएगी. भारत की राजधानी नई दिल्ली के समय अनुसार, पहले दिन यानी मंगलवार को सेहरी का समय सुबह 5 बजकर 18 मिनट समाप्त हो जाएगा. वहीं इफ्तार शाम 6 बजकर 27 मिनट पर किया जाएगा. पहला रोजा करीब सवा 13 घंटे का रहेगा.
हालांकि, रमजान में सेहरी और इफ्तार का समय हर शहर और देश के हिसाब के समय अनुसार ही होता है. इसलिए हर जगह के लिए अलग-अलग कैलेंडर होते हैं जिसके अनुसार ही सेहरी और इफ्तार का समय तय होता है. अगर दिल्ली में इफ्तार का समय शाम 6 बजकर 27 मिनट है तो मुंबई का समय वहां के कैलेंडर के हिसाब से इससे थोड़ा अलग हो सकता है.
इन लोगों को रोजा रखने की छूट
इस्लाम में रोजा रखना हर बालिग इंसान पर फर्ज होता है.इस्लाम के मूलभूत सिद्धांतों में से एक रोजा रखना भी कहा गया है. इस्लाम के अनुसार, सभी मुस्लिमों के लिए पांच सिद्धांतों का पालन करना अनिवार्य है. इन पांच सिद्धांतों में नमाज, हज, जकात (दान), रोजा और आस्था शामिल है. खास बात है कि रोजा रखना बेशक सभी पर फर्ज हो लेकिन कुछ मामलों में छूट भी दी गई है.
अगर कोई बीमार है और उसे दवा खानी जरूरी है तो उसके लिए रोजा छोड़ना गुनाह नहीं है. बीमार शख्स को रोजा न रखना माफ है. वहीं अगर किसी महिला को पीरियड्स हैं तो उसे रोजा रखना माफ है. हालांकि, पीरियड्स खत्म होते ही उस महिला को रोजे रखने शुरू करने होंगे.
इन गलतियों से टूट सकता है रोजा
रमजान के दौरान छोटी-छोटी गलतियों से भी आपका रोजा(व्रत) टूट सकता है. कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है. रमजान के दौरान अपशब्द नहीं कहने चाहिए. रमजान के दौरान किसी को अपशब्द कह रहे हैं तो इससे आपका रोजा जरूर टूट सकता है. रमजान में रोजे रखने वाला अगर किसी को गलत निगाह से देख रहा है तो उसका रोजा टूट सकता है. रमजान के दौरान अगर कोई झूठ बोलता है या पीठ पीछे बुराई करता है तो यह भी रोजा टूटने का कारण बन सकता है.
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