हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के 11वें दिन एकादशी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। श्री हरि के योग निद्रा से बाहर आने से पूर्व की अंतिम एकादशी होने से इसका अधिक महत्व (Importance) है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी (Rama Ekadashi) कहा जाताहै। रमा मां लक्ष्मी का ही एक नाम है। रमा एकादशी आज 1 1 नवंबर, सोमवार को है।
रमा एकादशी पर बन रहा शुभ योग-
1 नवंबर की रात 09 बजकर 05 मिनट तक इंद्र योग रहेगा। इस स्थिति में इस साल रमा एकादशी का व्रत इंद्र योग में रखा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में इंद्र योग को मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह 07 बजकर 56 मिनट से सुबह 09 बजकर 19 मिनट तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ समय में गिना जाता है।
रमा एकादशी 2021 शुभ मुहूर्त-
एकादशी तिथि 31 अक्टूबर की सुबह 02 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होकर 1 नवंबर की दोपहर 1 बजकर 21 मिनट तक रहेगी। व्रत पारण का शुभ समय 2 नवंबर, मंगलवार को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से सुबह 08 बजकर 56 मिनट तक है।
एकादशी पूजा- विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी (Basil) दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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