नई दिल्ली (New Dehli)। IUML यानी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के केरल प्रमुख सादिक अली शिहाब(Kerala Chief Sadiq Ali Shihab) थंगल ने राम मंदिर का समर्थन (support of ram temple)किया है। उनका कहना है कि हमें इस बात का विरोध (Oppose)करने की जरूरत नहीं है और यह बहुसंख्यकों (the majority)की जरूरत थी। अब उनके बयान पर राजनीतिक प्रतिद्वंदी सवाल उठा रहे हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि थंगल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की भाषा बोल रहे हैं।
थंगल ने राम मंदिर निर्माण को बहुसंख्यकों की चाहत बताया है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में एक बड़ा काम हुआ है राम मंदिर, जो देश के बहुसंख्यक समुदाय की चाहत थी। अब वह सच्चाई बन चुकी है। देश पीछे नहीं जा सकता। वह देश के बहुसंख्यक समुदाय के लिए जरूरी था। हमें इस बात का विरोध नहीं करना चाहिए कि अयोध्या में मंदिर आ गया। समाज में सभी को अपना धर्म मानने की आजादी है।’
उन्होंने कहा, ‘कोर्ट के आदेश के बाद राम मंदिर और निर्माणाधीन बाबरी मस्जिद धर्मनिरपेक्षता का सबसे बढ़िया उदाहरण है। हमें उन्हें आत्मसात करना चाहिए। दोनों धर्मनिरपेक्षता के बड़े उदाहरण हैं। यह सच है कि कारसेवकों ने मस्जिद को तोड़ दिया था और हमने उन दिनों इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया थ। लेकिन देश के मुस्लिम उन हालात का सहिष्णुता से सामना कर सकते थे। खासतौर से केरल में जहां, समुदाय बहुत सक्रिय और संवेदनशील है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, 1992 में जब बाबरी विध्वंस हुआ, तब IUML की अगुवाई पनक्कड़ सैयद मुहम्मदाली शिहाब थंगल कर रहे थे। तब उन्होंने कहा था, ‘हिंदू के घर पर एक पत्थर भी नहीं पड़ना चाहिए। अगर जरूरत पड़े, तो मुसलमानों को हिंदू मंदिरों की रक्षा करनी चाहिए।’ अब कहा जाता है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान IUML और पनक्कड़ परिवार के इस रुख के चलते पार्टी में फूट पड़ी और इब्राहिम सुलेमान सेठ ने अलग दल INL बना लिया और बाद में सीपीएम की अगुवाई वाले एलडीएफ को समर्थन दे दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, 1992 के दौर को लेकर थंगल ने कहा, ‘मुसलमानों के राजनीतिक केंद्र ने तब हालात को समझदारी से संभाला। अगर नेतृत्व ने कुछ अलग रुख किया होता, तो समुदाय को भारी कीमत चुकानी पड़ती। इतिहास अलग होता। कल भी कई उकसावे आए और कई आने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन IUML ने शांति और सद्भावना की बात कही है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, INL के प्रदेश सचिव कासिम इरिक्कुर का कहना है, ‘अब वो समय दूर नहीं जब IUML का कैडर पार्टी अध्यक्ष थंगल के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। यह कहकर कि मंदिर से धर्मनिरपेक्षता मजबूत होगी, थंगल RSS और संघ परिवार की भाषा बोल रहे हैं। जब RSS ने देश की मस्जिदों पर दावे करने की कोशिश की है, तब थंगल ने समुदाय को धोखा दिया है। केरल थंगल को जवाब देगा।’
जबकि, IUML के ही वरिष्ठ नेता पीके कुन्हालिकुट्टी ने थंगल के बयान का बचाव किया और कहा है कि उनका बयान का इरादा बुरा नहीं था। साथ ही उन्होंने बयान को तोड़ मरोड़कर पेश नहीं करने की अपील भी की है।
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