नई दिल्ली (New Delhi)। पर्यटन, अध्यात्म और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार (Indian government) जल्द ही भारत और श्रीलंका (India and Sri Lanka) के बीच एक नए पुल का निर्माण (Construction of new bridge) करने की योजना बना रही है। पुल भारत के धनुषकोडी (Dhanushkodi) को श्रीलंका के तलाईमन्नार (Talaimannar in Sri Lanka) से जोड़ेगा। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि सरकार फिलहाल समुद्र पर 23 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण की व्यवहारिकता के लिए अध्ययन करेगी। बता दें, यह वही जगह है जिसे हिंदु मान्यताओं के अनुसार रामसेतु कहा जाता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2022 में श्रीलंकाई राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे की दिल्ली यात्रा के दौरान भारत और श्रीलंका त्रिंकोमाली और कोलंबो के बंदरगाहों तक भूमि पहुंच के विकास की व्यवहारिकता की जांच के लिए सहमत हुए थे। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने अन्य मंत्रालयों और विभागों से इस विषय पर चर्चा की। इस दौरान विदेश मंत्रालय ने सबसे पहले पुल की व्यवहारिकता के अध्ययन के बारे में रिपोर्ट तैयार करने की बात कही थी।
अधिक धनराशि की आवश्यकता
रिपोर्टों की मानें तो परियोजना को पूरा करने के लिए अधिक धनराशि की आवश्यकता होगी। हालांकि, यह पुल द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए वरदान साबित हो सकती है। परियोजना की शुरुआत से पहले सरकार को तकनीक, आर्थिक और पर्यावरण सहित अन्य पहलुओं पर जांच करनी होगी कि आखिर यह परियोजना असल में लागू हो सकती है या नहीं। बता दें, दिसंबर 2015 में केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने विक्रमसिंघे के साथ सड़क और रेल पुल बनाने की योजना पर बातचीत की थी।
धनुषकोडी की यात्रा पर थे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में तमिलनाडु के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने धनुषकोडी का भी दौरा किया था। पीएम ने यहां स्थित कोठंडारामस्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन किया था। वे धनुषकोडी के पास स्थित अरिचल मुनाई भी गए थे। तमिलनाडु में उन्होंने श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर में भी दर्शन किए। पीएम ने रामेश्वरम के अग्नितीर्थम तट पर समुद्र में डुबकी लगाई और भगवान रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की।
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