गुवाहाटी (Guwahati)। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) का उद्घाटन किया जाएगा। इसी के साथ मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा (Life consecration of Lord Ram) की जाएगी। इस खास दिन के लिए समस्त देशवासियों में उत्साह (enthusiasm among the countrymen) है। राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रम को भव्य बनाने की कोशिश कर रही हैं। इस बीच, असम सरकार (Assam Government) ने एलान किया कि 22 जनवरी को राज्यभर में ड्राई-डे (dry day) रहेगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) की अध्यक्षता में रविवार को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक के बाद पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन के उपलक्ष्य में असम सरकार ने 22 जनवरी को ड्राई-डे घोषित करने का फैसला किया है।
राम मंदिर समारोह में न आने पर विपक्ष पर कसा था तंज
इससे पहले, राम मंदिर के अभिषेक समारोह के निमंत्रण को विपक्ष द्वारा खारिज किए जाने पर हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि चाहे विपक्ष समारोह में आए या न आए मंदिर की भव्यता कम नहीं होगी। लोगों में बहुत ज्यादा उत्साह है, विपक्ष के होने या न होने से फर्क नहीं पड़ता। हम निमंत्रण पाने के लिए बेताब है। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। अगर आपको निमंत्रण मिला है तो आपको जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में भी ड्राई-डे
पिछले सप्ताह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने भी 22 जनवरी को ड्राई-डे घोषित करने का फैसला किया है। मंगलवार को उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने 22 जनवरी को ‘ड्राई डे’ घोषित करने का फैसला किया है क्योंकि उस दिन अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक होगा। सीएम साय ने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं हम 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक सुशासन सप्ताह मना रहे हैं और सुशासन के लिए हमारा संकल्प और हमारा आदर्श राम राज्य रहा है।
क्या होती है प्राण प्रतिष्ठा?
सनातन धर्म में प्राण प्रतिष्ठा का बहुत ज्यादा महत्व है। मूर्ति स्थापना के समय प्राण प्रतिष्ठा जरूर किया जाता है। किसी भी मूर्ति की स्थापना के समय प्रतिमा रूप को जीवित करने की विधि को प्राण प्रतिष्ठा कहा जाता है। प्राण शब्द का अर्थ जीवन शक्ति और प्रतिष्ठा का अर्थ है स्थापना से माना जाता है। ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ है, जीवन शक्ति की स्थापना करना या देवता को जीवन में लाना।
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