लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए सिर्फ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को न्योता दिया गया है। यूपी के मुख्यमंत्री ही भूमिपूजन में शिरकत करेंगे। बाकी किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री को निमंत्रण नहीं दिया गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 200 मेहमानों की लिस्ट तैयार की है। इसमें योगी आदित्यनाथ का नाम शामिल है। ट्रस्ट ने योगी के अलावा किसी मुख्यमंत्री को न बुलाने का फैसला किया है। ये तय हुआ है कि अगर मुख्यमंत्री को बुलाया, सभी को निमंत्रण भेजना पड़ सकता है।
अब इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो सकती है, क्योंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भूमिपूजन में शिरकत करने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का राम मंदिर आंदोलन से लंबा रिश्ता रहा है। ऐसे में उद्धव ठाकरे की उम्मीदों को अब झटका लग सकता है।
भूमिपूजन में 200 मेहमानों को बुलाए जाने की खबर है। इस लिस्ट के 200 मेहमानों के नामों पर गोपनीयता बरती जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से किसी मेहमान का नाम पब्लिक में नहीं बताया जा रहा है। इन 200 लोगों के नामों को तय करने में विहिप, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, राम मंदिर उच्चाधिकार समिति के प्रमुख सदस्य और टॉप प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अयोध्या के विधायक, सांसद, मेयर को भी भूमिपूजन में बुलाया गया है। हालांकि राम मंदिर आंदोलन के जुड़े कई बीजेपी नेताओं को न्योता नहीं भेजा गया है। ये जानकारी भी मिली है कि 6 दिसंबर 1992 की घटना में मारे गए कार सेवकों के परिवार के सदस्य को बुलाया जा रहा है। साल 1991 में जिन कार सेवकों पर गोली चली थी, उनके परिवार को भी बुलाया जा रहा है। दूसरे धर्म के भी कुछ खास लोगों को बुलाया जा रहा है। राम मंदिर आंदोलन के पक्षकार इकबाल अंसारी को बुलाने की बात भी आई है।
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