नई दिल्ली. अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता राम माधव ने (Ram madhav) ने चेताया है कि भारत को ‘गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना’ पड़ सकता है. ISI को तालिबान का ट्रेनर करार देते हुए माधव ने संदेह जताया कि काबुल की कमान संभालने के बाद तालिबान अपना विस्तार करेगा. माधव ने कहा, ‘तालिबान के पास आईएसआई द्वारा पाक में प्रशिक्षित 30 हजार से अधिक भाड़े के लोग हैं. काबुल की सत्ता में मौजूद तालिबान का नेतृत्व अब उन्हें अपने संरक्षक पाक की मदद से ‘कहीं और’ तैनात करेगा. भारत को गंभीर सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा. तालिबान भारत के लिए खतरा है.’
इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी सहित भारतीय नेताओं ने भी इसी तरह के संकटों की आशंका जाहिर की थी. स्वामी ने रविवार को दावा किया था कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भारत के लिए एक नया खतरा पैदा हो गया है. सांसद ने कहा था कि अब ‘सरकार के गंभीर होने’ का समय है. स्वामी ने शुक्रवार को यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान जल्द ही ‘तालिबानीकृत अफगानिस्तान’ का हिस्सा बन जाएगा.
Taliban hs over 30K mercenaries trained in Pak by ISI. In power in Kabul, Taliban leadership wl now deploy them ‘elsewhere’ wid d help of mentor Pak. India shud brace up for serious security challenges. Taliban may eventually consume Pak n China 2, but immediate threat is 4 India
— Ram Madhav (@rammadhav_rss) August 16, 2021
कैप्टन ने क्या कहा था?
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने देश की सभी सीमाओं पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होना भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ट्वीट किया, ‘अफगानिस्तान का तालिबान के हाथों में जाना हमारे देश के लिए शुभ संकेत नहीं है. यह भारत के खिलाफ चीन-पाकिस्तान साठगांठ को मजूबत करेगा (चीन पहले ही उइगुर को लेकर मिलिशिया की मदद मांग चुका है). संकेत बिलकुल अच्छे नहीं हैं, हमें अब अपनी सीमाओं पर अतिरिक्त सजग रहने की जरूरत है.’
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के प्रवेश करने के बीच भारत वहां से अपने सैकड़ों अधिकारियों और नागरिकों को सुरक्षित निकाल रहा है. इस बीच, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी रविवार को देश छोड़कर चले गए. अफगानिस्तान के तुलू न्यूज की खबर के अनुसार, देश के ज्यादातर महत्वपूर्ण शहरों और प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा करने के बाद तालिबान के काबुल में प्रवेश करने पर गनी और उनके करीबी सहयोगियों ने देश छोड़ दिया है.
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