पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में नेतृत्व को लेकर चाचा और भतीजे के बीच अनबन चल रही है। इस बीच चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा (B J P)के रुख पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) को बचाने आना चाहिए था। बिहार चुनाव (Bihar elections) के दौरान खुद पीएम मोदी के ‘हनुमान के तौर पर पेश करने वाले चिराग ने कहा कि अगर हनुमान को मारा जा रहा हो और भगवान श्रीराम उन्हें बचाने के लिए न आएं,तब इसके बाद हनुमान या फिर भगवान राम का क्या महत्व है।
लोजपा में टूट के लिए चिराग लगातार जदयू (JDU)को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने साजिश के तहत उनकी पार्टी (Party) को तोड़ने का काम किया है। हालांकि इस मामले में नीतीश कुमार का बयान सामने आया है। लेकिन उन्होंने चिराग के बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह उनका अंदरूनी मामला है। हमलोग इसमें शामिल नहीं हैं। हमें इससे कोई मतलब नहीं है।
वहीं, बीते दिनों चिराग ने कहा था कि मुझे उम्मीद थी कि वे (भाजपा) मध्यस्थता कर और चीजों को सुलझाने का प्रयास करेंगे। उनकी चुप्पी निश्चित रूप से आहत करती है। हालांकि अंग्रेजी समाचार पत्र (English newspaper) की रिपोर्ट (Report) के मुताबिक चिराग पासवान ने कहा कि अगर हनुमान को बचाने भगवान राम नहीं आते हैं तो हुनमान या भगवान राम का क्या महत्व रह जाता है।
पशुपति पारस के गुट का मानना है, कि पार्टी में सौरभ पांडेय (Saurabh Pandey) की वजह से विवाद है। अगर वह चिराग पासवान से दूर हो जाएं,तब परिवार के बीच पार्टी का उठा विवाद थम जाएगा। पशुपति पारस ने कहा था कि उन्होंने पार्टी को तोड़ा बल्कि बचाया है क्योंकि पार्टी में बनारस (Banaras) के एक लड़के सौरभ पांडेय का कब्जा था।
उन्होंने बताया था कि पार्टी में किसी भी व्यक्ति की राय नहीं ली जाती थी इसलिए हमें ऐसा फैसला करना पड़ा। बता दें कि पशुपति पारस को पार्टी का नया अध्यक्ष (new president) चुना गया है। इसकी जानकारी (Information) उन्होंने खुद दी थी। उन्होंने कहा था कि चिराग पासवान अब पार्टी के अध्यक्ष नहीं रहे और न ही सदन के नेता हैं। पार्टी के संविधान (Constitution) के तहत चुनाव हुआ है और वह वैध है।
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