भद्रा काल को छोड़ वृश्चिक,कुंभ व सिंह लग्न में राखी बंधवाना सबसे श्रेष्ठ
इन्दौर। इस बार राखी का त्योहार कोरोना काल में मनाया जाएगा, इसलिए थोड़ी बहुत खटास और उत्साह जरूर कम हुआ है। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक राखी पर्व पर दुर्लभ एवं शुभ संयोगों की श्रृंखला भी बन रही है जो कि लाभदायक साबित होगी। रक्षाबंधन पर सोमवार व पूर्णिमा के कारण इस वर्ष आनंद योग, सवार्थसिद्धि योग एवं श्रावण नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं।
इस बार यह योग वर्ष 1991 के बाद अब बना है। यह शुभ संयोग करीब तीन दशक बाद सामने आ रहा है। इस बार 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर भद्रायोग सुबह 9.30 बजे समाप्त हो रहा है। भद्रा समाप्ति के बाद ही राखी बंधवाना शुभ रहता है। श्रावणी उपाकर्म भी इसी दिन किए जाएंगे। मौजूदा वर्ष में प्रात:9.30 बजे से शाम तक राखी बंधवाने के कई मुहूर्त रहेंगे। ज्योतिषाचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक के अनुसार वृश्चिक, कुंभ व सिंह लग्न में राखी बंधवाना सबसे शुभ माना जाता है। यह शुभ संयोग शाम को गोधूलि बेला तक जारी रहेगा। इस योग में यह त्योहार शुभता में वृद्धि करेगा एवं महामारी को सितंबर तक नियंत्रित करने में भी सहायक साबित होगा।
बहन नहीं पहुंच पाए तो इष्ट को अर्पित कर स्वजन से बंधवा लें राखी
कल सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर भद्रा भी समाप्त हो जाएगी। अगर कल बहनें अपने भाइयों तक नहीं पहुंच पाएं तो अपने इष्ट देवता को राखी बंधवाकर अपने किसी भी रिश्तेदार भाभी, मां व अन्य स्वजन से राखी बंधवा सकते हैं। इस साल पर्व पर सर्वार्थसिद्धि और आयुष्मान योग बन रहे हैं। इन शुभ योग में रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहनों की दीर्घायु, समृद्धि, सुख, सौभाग्य से परिपूर्ण रहेगा। मंदिरों में जाकर पंडितों से भी रक्षासूत्र बंधवाया जा सकता है।
यह है राखी बंधवाने का शुभ मुहूर्त व समय
3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है। राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से आरंभ हो जाएगा। दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा व शुभ समय है। इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9.30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है। सुबह 9.30 बजे से 10.30 बजे तक, दोपहर 1.30 बजे से शाम 7.30 बजे तक, शाम 7.30 बजे से रात 10.30 बजे तक, रात 10.30 बजे से रात 12.00 बजे तक श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा।
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