नई दिल्ली। छह महीने से दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Bengal CM Mamata Banerjee) से मुलाकात करने वाले हैं। इस मुलाकात के बीच अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या ममता बनर्जी उत्तर भारत में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में हैं।
ममता से मिलेंगे टिकैत
किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मुलाकात से पहले कहा कि हम खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थानीय किसानों की समस्याओं पर बातचीत करने के लिए बैठ रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह मुलाकात कोलकाता में शाम 3 बजे के करीब होनी है। बंगाल विधान सभा चुनाव के दौरान भी राकेश टिकैत ने बीजेपी के खिलाफ चुनावी रैली की थी।
हाल ही में बंगाल विधान सभा चुनाव में भारी जीत हासिल करने के बाद ममता बनर्जी के हौसले बुलंद हैं। उनकी पार्टी टीएमसी पहले ही देशभर में अपने विस्तार का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ममता बनर्जी किसानों के जरिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में अपनी पार्टी के लिए समर्थन जुटाने की जुगत में हैं।
मौके की तलाश में विपक्ष
राकेश टिकैत का पश्चिम उत्तर प्रदेश में अच्छा जनाधार माना जाता रहा है। साथ ही हरियाणा के जिलों में भी खाप पंचायतों का अपना अलग जनाधार है। कृषि कानून लागू होने के बाद से इन तमाम इलाकों के किसान बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं और ऐसे में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल इसे एक मौके के तौर पर देख रहे हैं।
यही वजह है कि विपक्षी दल लगातार कृषि कानूनों के लेकर सरकार पर हमलावर हैं और इसे केंद्र सरकार पर निशाना साधने का जरिया बना चुके हैं। हाल ही में राकेश टिकैत ने बंगाल चुनाव के नतीजों का हवाला देकर कहा था कि जो हाल बीजेपी का बंगाल में हुआ है, वहीं यूपी में भी होने वाला है। उन्होंने कहा था कि साल 2024 एक ओर सरकार चुनाव की तैयारी करेगी, दूसरी तरफ हम सरकार को सबक सिखाने की तैयारी करेंगे।
बीजेपी के मुकाबले टीएमसी
पार्टी के नवनियुक्त महासचिव और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी सोमवार को कहा था कि उनकी पार्टी का लक्ष्य देश के कोने-कोने तक पहुंचना है और इसकी योजना एक महीने में तैयार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी को तृणमूल से जुड़े मुद्दों की चिंता करने के बजाय अपनी पार्टी के भीतर की लड़ाई पर ध्यान देना चाहिए। ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार बंगाल की सत्ता में वापस आई हैं। ऐसे में विपक्षी नेताओं के बीच उनका कद काफी बढ़ गया है। बंगाल चुनाव के नतीजों ने इस बात के भी साफ संकेत दिए हैं कि सूबे में बीजेपी के लिए ममता की पार्टी से टक्कर लेना आसान नहीं है। इसी कड़ी में अब दिल्ली की सत्ता के लिए भी ममता बनर्जी कमर कसने को तैयार दिख रही हैं।
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