नई दिल्ली: दिल्ली के बॉर्डर्स पर पिछले एक साल से ज्यादा समय से चल रहा किसान आंदोलन (Farmer Protest Over) खत्म हो गया है. किसानों और सरकार के बीच आंदोलन खत्म करने को लेकर सहमति बन गई है. किसानों की मांगें सरकार ने मान ली है. अब किसान अपने घरों को वापसी करने के लिए तैयार हैं.
11 दिसंबर को किसान सभी बॉर्डर खाली कर देंगे. ये ऐलान राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किया है. उन्होंने आंदोलन में साथ देने वाले सभी साथियों का धन्यवाद दिया.राकेश टिकैत ने कहा कि एक संयुक्त मोर्चा था और रहेगा. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने तय किया है कि 11 दिसंबर से सभी बॉर्डर खाली होने शुरू हो जाएंगे.
राकेश टिकैत ने कहा कि 11 तारीख से किसान बॉर्डर्स ने घर वापसी करना शुरू कर (Farmer Return Home) देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि कल तमिलनाडु में सेना के अफसरों के साथ हुई दुखद घटना में किसान सरकार के साथ हैं. किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 19 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानून वापसी की घोषणा की थी.
21 नवंबर को किसानों ने अपनी 6 मांगों को लेकर सरकार को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन दो हफ्ते तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने बताया कि आज सुबह कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल की चिट्ठी मिली.
‘किसानों के मुकदमे वापस लेगी सरकार’
योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार चाहती थी कि पहले किसान आंदोलन खत्म करें, उसके बाद किसानों के मुकदमें वापस लिए जाएंगे. लेकिन अब संबंधित राज्यों ने केस वापसी पर सहमति जता दी है. उन्होंने कहा कि अब सरकार तत्काल प्रभाव से किसानों के मुकदमे वापस लेगी.
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक मुआवजे की बात भी मान ली है. बिजली बिल भी अब संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा के बाद ही संसद में पेश किया जाएगा. किसान नेता ने कहा कि MSP को लेकर भी सरकार ने मान लिया है कि कमेटी पर SKM का मेनडेट होगा. पहले की तरह ही खरीद चालू रहेगी. योंगेंद्र यादव ने बताया कि सरकार ने पराली पर भी जुर्माना और सजा के प्रावधान को भी हटा लिया है.
’11 दिसंबर को विजय दिवस मनाएंगे’
योगेंद्र यादव ने कहा कि सभी किसानों ने तय किया है कि देश के सभी आंदोलन स्थलों पर 11 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाएगा, उसके बाद सभी किसान अपने घरों को वापसी कर लेंगे.उन्होंने साफ किया कि किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ है, इसे अभी स्थगित किया गया है. उन्होंने कहा कि अभी तो MSP से लेकर लखीमपुर-खीरी तक के मामले खड़े हैं. 15 जनवरी को फिर से मामले की समीक्षा की जाएगी. किसान नेता ने कहा कि इस आंदोलन से किसानों ने अना खोया हुआ आत्मसम्मान वापस पाया है.
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