नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। गुरुवार को किसान आंदोलन का 36वां दिन है। भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बुधवार को हुई बातचीत अच्छी रही। पराली एक बड़ा मुद्दा था, उसमें सरकार ने संशोधन की बात की है। उसमें अब जुर्माना और सजा नहीं होगी।
साथ ही कहा कि बिजली अमेंडमेंट बिल पर बात हुई है, उसमें ये था कि अगर किसी किसान के पास दो पशु भी है तो कमर्शियल कनेक्शन लेना पड़ता ये पूरे देश का बड़ा मुद्दा था, लेकिन पहले जैसी ही व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा एमएसपी और तीन कानूनों पर 4 जनवरी को बातचीत होगी।
वहीं कहा कि अभी समिति पर ज्यादा बात नहीं हुई। समिति का प्रस्ताव सरकार ने रखा, बनेगी या नहीं बनेगी, बिल वापस होंगे या नहीं, उस पर 4 तारीख को बातचीत होगी। 4 तारीख को उम्मीद है कि कुछ हल निकलेगा, एक लाइन बन जाएगी।
कल आपसी भाईचारे में हमारा लंगर चखा और चाय पी। सातवीं दौर की वार्ता में हमें कुछ सफलता मिली, अगर सरकार मांगें मान लेती तब भी नया साल दिल्ली में ही मनाकर जाते। अभी हल निकलने में समय लगेगा, तब तक शांतिपूर्ण आंदोलन चलता रहेगा. साथ ही गुरुवार को होने वाला ट्रैक्टर मार्च स्थगित कर दिया है।
वहीं सिंघु बॉर्डर पर मौजूद किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह ने कहा कि सरकार को कल कानून और एमएसपी के बारे में बात करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। 4 जनवरी को उम्मीद है, सरकार अभी मान नहीं रही कल भी वो हमें लाभ गिनवा रही थी इसलिए हम चाहते हैं कि वो जल्दी 3 कानून को रद्द करें न कि हमें समझाएं।
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