नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र सरकार के पास 26 नवंबर तक का समय है। उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेगा और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आन्दोलन स्थल पर तंबूओं को मजबूत करेगा।
बॉर्डर से जबरन किसानों को हटाया तो देश के दफ्तरों को बना देंगे गल्ला मंडी : टिकैत
यूपी गेट पर किसान आंदोलन स्थल के पास से सीमेंटेड व लोहे के बैरिकेड व कंटीले तार हटने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेताया है। उन्होंने रविवार सुबह ट्वीट कर कहा कि किसानों को अगर बॉर्डर से जबरन हटाने की कोशिश हुई तो देशभर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे। उन्हें अंदेशा है कि किसी साजिश के तहत बिना मांगे माने किसानों को जबरन हटाया जा सकता है। वहीं, एनएच-9 और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर तीसरे दिन भी एंबुलेंस और चार पहिया छोटे वाहन ही निकल पाए।
भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में यथावत स्थिति बनी रहेगी। जब तक सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है, तब तक देश का अन्नदाता सड़कों पर बैठकर सरकार के निर्णय का इंतजार करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पिछले कई दिनों से किसानों के खिलाफ साजिश रच रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने वीडियो वायरल कर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर किसानों को सड़कों से हटाने की कोशिश की तो इस बार दिवाली प्रधानमंत्री के दरवाजे के बाहर मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़कें खाली करवाने की कोशिश की तो सभी किसान दिल्ली के लिए कूच करेंगे। उन्होंने किसानों से भी कहा कि वह हर समय तैयार रहें। किसी भी समय मैसेज आ सकता है और रात के समय भी दिल्ली कूच करना पड़ सकता है।
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