नई दिल्ली । कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष (Former President of Congress) सोनिया गांधी के (Sonia Gandhi’s) ज्यूडिशियरी वाले बयान पर (Statement on Judiciary) राज्यसभा के सभापति (Rajyasabha Chairman) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhad) का गुस्सा फूट पड़ा (Got Angry) । सभापति ने शुक्रवार को उच्च सदन में कहा कि उन पर न्यायपालिका को कमजोर करने का आरोप लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि द्विदलीय भूमिका के सभी मुद्दों को भीतर सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे ज्यूडिशियरी को बदनाम करने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। जब डीएमके के टी. शिवा ने इस मुद्दे पर फैसला मांगा कि सदन के बाहर कही गई किसी भी बात का केवल तभी पालन किया जाना चाहिए जब कोई प्रस्ताव हो, तो सभापति ने कहा, मेरी प्रतिक्रिया का स्तर निम्नतम स्तर पर है।
सोनिया गांधी ने बुधवार को अपने भाषण में कहा था, ज्यूडिशियरी को कमजोर करने का सुनियोजित प्रयास हो रहा है। विभिन्न आधारों पर ज्यूडिशियरी पर हमला करने वाले भाषण देने के लिए मंत्रियों और यहां तक कि एक उच्च संवैधानिक प्राधिकरण को सूचीबद्ध किया गया है। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यह सुधार के लिए उचित सुझाव देने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह जनता की नजरों में ज्यूडिशियरी की प्रतिष्ठा को कम करने की कोशिश है।
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