नई दिल्ली । राज्यसभा की कार्यवाही (Rajya Sabha Proceedings) विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते (Due to uproar by Opposition MPs) कल तक (Till Tomorrow) स्थगित कर दी (Adjourned) । राज्यसभा में सोमवार को एक बार फिर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने सोमवार को अजमेर शरीफ दरगाह, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, मणिपुर में कानून व्यवस्था, दिल्ली की कानून व्यवस्था और उत्तर प्रदेश के संभल की स्थिति पर चर्चा की मांग की।
चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सांसद चाहते थे कि राज्यसभा में नियम 267 के तहत बहस कराई जाए। हालांकि सोमवार को भी पूर्व की भांति सभापति ने इसकी स्वीकृति नहीं दी। इसके कारण सदन में काफी हंगामा हुआ। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे एक बार फिर से प्रारंभ हुई। इसके साथ हंगामा दोबारा शुरू हो गया। इसको देखते हुए सभापति ने कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है पिछले सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र प्रारंभ हुआ था। तब से अब तक एक दिन भी सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी है। सोमवार को राज्यसभा में चर्चा के लिए विपक्ष के कई सदस्यों ने नोटिस दिया था। सभापति जगदीप धनखड़ ने इस संबंध में बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा के लिए सांसदों के नोटिस मिले हैं। रामजीलाल सुमन, जावेद अली, एए रहीम व नीरज डांगी आदि सांसदों ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा और कानून व्यवस्था की स्थिति पर राज्यसभा में चर्चा मांग सभापति के समक्ष रखी थी।
विपक्ष के राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा व अजीत कुमार ने मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा का नोटिस दिया था। आम आदमी पार्टी के सांसद चाहते थे कि दिल्ली में बढ़ते अपराध को लेकर चर्चा हो। वहीं अनिल कुमार, इमरान प्रतापगढ़ी, नीरज डांगी जैसे सांसद अजमेर दरगाह से संबंधित विवाद पर राज्यसभा में चर्चा चाहते थे। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चर्चा की मांग की। एक अन्य सांसद शिवदासन, वायनाड के लिए स्पेशल पैकेज पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
विपक्ष के सांसदों की मांग थी कि नियम 267 के तहत यह चर्चा कराई जाए। नियम 267 के तहत चर्चा होने पर सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर दिया जाता है। इसके साथ ही इस नियम में चर्चा के अंत में मत विभाजन भी कराया जा सकता है। संसद सत्र प्रारंभ होने के साथ से ही विपक्ष के सांसद नियम 267 के अंतर्गत चर्चा की मांग कर रहे हैं। लेकिन बीते सप्ताह सभापति ने इसकी अनुमति नहीं दी। सोमवार को भी नियमों का हवाला देते हुए सभापति ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा कराए जाने से इनकार कर दिया।
वहीं विपक्षी सांसदों की मांग थी कि विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत ही चर्चा कराई जाए। ऐसा न होने पर विपक्षी सांसदों ने सदन में हंगामा व नारेबाजी शुरू कर दी। सदन में हंगामे और नारेबाजी को देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे और फिर मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। सभापति का कहना है कि नियम 267 के तहत चर्चा कराए जाने की बात बार-बार उठाई गई है, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। इस पर विपक्षी सांसदों का हंगामा और तेज हो गया, इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
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