नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्ष के नए नेता (New leader of opposition) पर ऊहापोह की स्थिति में हैं। पार्टी में एक तबका ‘एक व्यक्ति एक पद’ का फॉर्मूला लागू करते हुए राज्यसभा में नए नेता को यह जिम्मेदारी देना चाहता है। दूसरा तबका चाहता है कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Party President Mallikarjun Kharge) इस पद पर बने रहें, क्योंकि उनकी जगह बेहतर विकल्प नहीं है।
अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के बाद खड़गे ने तत्कालीन पार्टी प्रमुख और संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा भेज दिया था। लेकिन, इस्तीफा राज्यसभा सचिवालय को नहीं भेजा गया और खड़गे अभी भी इस पद पर हैं। संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से 29 दिसंबर तक चलेगा।
रेस में कौन-कौन?
राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) सहित कई नाम दौड़ में शामिल है। दिग्विजय ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया था पर खड़गे का नाम आने के बाद उन्होंने इरादा बदल दिया। दिग्विजय भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक हैं और वह लगातार राहुल गांधी के साथ पदयात्रा कर रहे हैं।
दिग्विजय सिंह की दावेदारी
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पी चिदंबरम का ताल्लुक दक्षिण भारत से है। पार्टी को ऐसा नेता चाहिए जो हिंदी में बात रख सके। दिग्विजय इस पर खरे उतरते हैं। लेकिन, पदयात्रा के चलते शीत सत्र के दौरान पूरा वक्त नहीं दे पाएंगे। इसलिए, खड़गे को ही इस पद पर बने रहने दिया जाना चाहिए।
खड़गे की खासियत
खड़गे 2014 से 2019 तक लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता भी रहे। ऐसे में दोनों सदनों में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं। हिंदी भाषी राज्यों के साथ दक्षिण के राज्यों के नेताओं से बेहतर तालमेल है। कर्नाटक में अगले साल चुनाव हैं। इसलिए, वह पद पर बने रह सकते हैं।
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