• img-fluid

    राज्यसभा चुनाव: मतदान में होता है खास तरह के पेन का उपयोग, जानें इसकी खासियत

  • June 08, 2022


    जयपुर: राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) के मतदान से पहले वोटो की जोड़तोड़ की गणित लगाने के लिए राजस्थान के दोनों ही प्रमुख दलों ने अपने अपने खेमे तैयार कर लिए हैं. राजस्थान में चार सीटों पर पांच प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किये हैं. अब 10 जून को होने वाले मतदान पर सबकी नजर जा टिकी है. राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया के मुताबिक इस चुनाव में आम चुनावों की तरह मतदान नहीं होता है बल्कि इसमें मतदान में बेहद समझदारी से वोट डालने की प्रक्रिया को पूरा करना होता है. जरा सी चूक प्रत्याशी की जीत हार का गणित बदल देती है. यहां तक की इस चुनाव के लिये में काम आने वाला पेन (Pen) तक भी विशेष तरह का होता है. इस पेन को बनाने वाली कंपनी केवल इसे चुनाव के लिए ही तैयार करती है.

    राज्यसभा चुनाव के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल तो होता है लेकिन मुहर नहीं लगाया जाता है. इसके वोट के लिये एक विशेष तरह का पेन भारत निर्वाचन आयोग की ओर से तैयार करवाया जाता है. राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया से जुड़े जानकार अधिकारियों के अनुसार इस खास पेन को मैसूर की एक कंपनी तैयार करती है. यह पेन केवल राज्यसभा चुनाव तक में ही सीमित रहता है. आम उपभोक्ताओं के लिए यह पेन तैयार नहीं होता है. यहां तक की जिस राज्य में राज्यसभा सीट का चुनाव होना है वहां पर भारत निर्वाचन आयोग की ओर से तय संख्या में ही ये पेन भेजे जाते हैं.


    इस पेन की स्याही बैंगनी रंग की होती है
    मतदान और निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें वापस आयोग को भेज दिया जाता है. इस पेन की स्याही बैंगनी रंग (Violet Colour) की होती है. यह स्याही जेल (Gel) के रूप में होती है. यूं कह सकते हैं कि यह पेन स्केच की तरह का होता है. राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी बताते हैं राज्यसभा चुनावों में पेन से संबंधित शिकायतें और विवाद होने पर भारत निर्वाचन आयोग वोट कास्ट के लिए ये पेन भेजने लगा है.

    खास कंपनी बनाती है इस पेन को
    इस खास तरह के पेन और इसकी स्याही को Mysore lac and paints ltd की ओर से तैयार किया जाता है. जानकारों के मुताबिक इस कंपनी स्थापना आजादी के पहले हुई थी. इसकी स्थापना मैसूर के तत्कालीन राजपरिवार के नलवाड़ी कृष्ण राजा वोडेयार द्वारा 1937 में की गई थी. वे उस समय मैसूर प्रांत के महाराजा थे. 1989 के दौरान इसका नाम बदलकर ‘मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड’ कर दिया गया. यह कंपनी वर्तमान में कर्नाटक सरकार के अधीन आती है. ‘एमपीवीएल अमिट इंक’ न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में 1962 से लोकतांत्रिक चुनावों के लिए इंक देती है.

    राज्यसभा चुनाव के लिए आए हैं 200 पेन
    राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान के लिए विधानसभा में तैयारियां शुरू हो गई है. इन चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पेन भी आ गए हैं. कोविड-19 के बाद प्रत्येक मतदाता को अलग-अलग पेन दिया जाएगा ताकि किसी तरह के संक्रमण की कोई गुंजाइश नहीं हो. कोविड-19 से पहले केवल 20 पेन आते थे. लेकिन इस बार 200 पेन आए हैं. चुनाव प्रक्रिया खत्म होने के बाद इन पेन को वापस निर्वाचन आयोग को लौटा दिया जाएगा.

    Share:

    कांग्रेस के 11 महापौर उम्मीदवार तय

    Wed Jun 8 , 2022
    महापौर प्रत्याशियों के नाम के ऐलान में कांग्रेस ने बाजी मारी भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में महापौर प्रत्याशी (Mayor candidate) चयन को लेकर कांग्रेस (Congress) ने भाजपा (BJP) से बाजी मारते हुए कांग्रेस ने लगभग 11 महापौर प्रत्याशी (Mayor candidate)  के नाम तय कर दिए हंै, जबकि 5 नगर निगम में 2-2 नामों का पैनल […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved