नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू (Rajya Sabha Chairman M. Venkaiah Naidu) ने सदन की कार्यवाही में लगातार व्यवधान डाल रहे विपक्षी सदस्यों से दो टूक शब्दों में पूछा कि ‘आप चर्चा चाहते हैं या व्यवधान।’
सभापति का यह कथन सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Leader of Opposition Mallikarjun Kharge) और अन्य नेताओं के उग्र रवैये के संदर्भ में आया, जिसमें सदस्य गण किसान आंदोलन के बारे में चर्चा पर जोर दे रहे थे। कुछ सदस्यों ने नियम 267 के अंतर्गत सदन का कामकाज रोक कर किसान आंदोलन पर चर्चा की मांग की थी।
वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) ने यह भी स्पष्ट किया कि सदस्यों को किसानों की समस्याओं को बारे में विभिन्न अवसरों पर चर्चा का अवसर मिलेगा। अगले सप्ताह जब कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चार घंटे की चर्चा होगी, उस समय सदस्य किसानों की समस्याओं पर अपनी बात रख सकते हैं। इसी तरह सदन की कामकाज समिति ने विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय तय किया है। उस समय भी सदस्य किसानों की समस्याओं पर विचार व्यक्त कर सकते हैं।
इसी संदर्भ में उन्होंने सदस्यों से पूछा कि सदन के कामकाज में व्यवधान पैदा कर किस तरह किसानों की मदद की जा सकती है। सभापति ने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे शून्यकाल की कार्यवाही चलने दें। शून्यकाल के दौरान विभिन्न दलों के 18 मुद्दों को उठाना चाहते थे, लेकिन व्यवधान के कारण उन्हें अपनी बात कहने का मौका नहीं मिला। अन्य सदस्यों को अपनी बात कहने से रोकना उचित नही हैं।
नायडू (M. Venkaiah Naidu) की अपील के बावजूद सदन में व्यवधान जारी रहा, जिस पर सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार तीसरे दिन भी कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों की ओर से व्यवधान जारी रहा।(हि.स.)
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