100 से अधिक कीलें ठोंकी… राजवाड़ा को पहुंचा नुकसान
इंदौर। अभी रंगपंचमी (Rangpanchmi) पर निकलने वाली गेर के चलते राजवाड़ा, गोपाल मंदिर और ईमामवाड़े पर विशाल तारपोलिन से इइन्हें ढंकवाया गया। अभी कुछ दिन पहले ही जीर्णोद्धार के बाद राजवाड़ा को आम जनता के लिए खोला गया, मगर राजवाड़ा को ढंकवाने के चक्कर में 100 से अधिक जो बड़ी-बड़ी मोटी कीलें, हुक, इत्यादि ठोंके गए उससे राजवाड़ा की दीवारों से लेकर बुर्ज को नुकसान पहुंचा है।
अभी पिछले दिनों ही राजवाड़ा को खोला गया, लेकिन रंगपंचमी पर कलर, गुलाल, पानी से उसे नुकसान न पहुंचे इसलिए लगभग 8 लाख रुपए खर्च कर उसे पूरी तरह से ढंका गया, जिसमें तारपोलिन प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया। राजवाड़ा को पूरी तरह से ढंककर पैक करने के चक्कर में जगह-जगह मोटी कीलें ठोंकना पड़ी और हुक सहित कड़े भी लगाए गए, ताकि तारपोलिन को बांधा और कसा जा सके, लेकिन उसके कारण राजवाड़ा की नवनिर्मित और पुताई से सुंदर बनी दीवारें जहां खराब हुई, वहीं ऊपरी छत यानी बुर्ज पर भी किया गया प्लास्टर उखड़ गया और कई जगह इसी तरह राजवाड़ा को नुकसान भी पहुंचा। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजवाड़ा, गोपाल मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और लाइट एंड साउंड शो की भी व्यवस्था की गई, लेकिन पुरातत्व प्रेमियों को इस बात का दु:ख है कि कलर और पानी से बचाने के कारण राजवाड़ा को जिस तरह से ढंका गया उससे भी उसे काफी नुकसान पहुंचा है। अब देखना है निगम इस संबंध में क्या कार्रवाई करता है।
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