मुंबई: मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की सेहत को लेकर हर दिन कोई न कोई नया अपडेट सामने आ ही रहा है. उन्हें अस्पताल में भर्ती हुए 35 दिन बीत चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके उन्हें अब तक होश नहीं आया है. डॉक्टर्स लगातार उन पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं. राजू श्रीवास्तव का ब्रेन फंक्शन नहीं कर पा रहा है, जिसकी वजह से वो होश में नहीं आ पाए हैं. और जब तक वो होश में नहीं आ जाते, कुछ भी कहना डॉक्टर्स के लिए मुमकिन नहीं है.
राजू की स्थिति में नहीं है कोई सुधार
डॉक्टर्स राजू श्रीवास्तव को होश में लाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा. 35 दिनों से उनका इलाज चल रहा है और वो लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, उनके इलाज में किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी जा रही है, लेकिन बावजूद इसके उनकी स्थिति में किसी तरह का कोई सुधार होता नहीं दिख रहा.
परिवार की बढ़ रही हैं चिंताएं
राजू के परिवार को डॉक्टर्स पर पूरा भरोसा है कि वो उन्हें जल्द ही ठीक कर देंगे. राजू श्रीवास्तव के परिवार के लोग, करीबी और फैंस उनके लिए लगातार दुआएं कर रहे हैं. राजू श्रीवास्तव के भाई ने कहा है कि क्यूंकि राजू 10 अगस्त से ही अस्पताल में भर्ती हैं और समय गुजरने के साथ ही चिंताएं भी बढ़ रही हैं, फिर भी उन्हें डॉक्टर्स पर पूरा भरोसा है. उन्हें ये उम्मीद है कि कोई चमत्कार होगा.
हाल ही में राजू को हो गया था इन्फेक्शन
दरअसल, राजू श्रीवास्तव के ब्रेन के अलावा शरीर के बाकी सभी अंग पूरी तरह से ठीक हैं. हाल ही में उन्हें इन्फेक्शन की वजह से बुखार आ गया था. डॉक्टर्स इन्फेक्शन से जुड़ी शंकाओं को दूर करने की कोशिश में जुट गए थे. उनके पास करीबियों को भी जाने से रोक दिया गया था. साथ ही उनके वेंटिलेटर के पाइप को भी बदल दिया गया था.
लोग कर रहे हैं उनके लिए प्रार्थना
राजू श्रीवास्तव को होश आने के बाद ये संभव हो सकता है कि वो जल्द ही ठीक हो जाएं, लेकिन उनका होश में आना बेहद जरूरी है. उनकी सेहत के लिए करीबी, फैंस और बॉलीवुड सेलिब्रिटीज तक भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं ताकि वो जल्द से जल्द ठीक होकर अपने घर वापस लौट सकें और लोगों का मनोरंजन एक बार फिर से कर सकें.
10 अगस्त को किया गया था अस्पताल में भर्ती
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, 10 अगस्त को जिम में एक्सरसाइज करते वक्त राजू श्रीवास्तव गिर गए थे जिसके बाद उन्हें वहां के लोगों ने उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया था. अस्पताल में भर्ती होते ही उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी. और दुआओं का एक दौर चल पड़ा था जो अब तक कायम है.
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