वॉशिंगटन। भारत-अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता के लिए वॉशिंगटन डीसी पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बोइंग और रेथियॉन के प्रमुखों से मुलाकात की। ये कंपनियां अमेरिकी रक्षा व एयरोस्पेस क्षेत्र की दिग्गज हैं। सिंह ने इनके प्रमुखों से भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति का लाभ उठाने का आग्रह किया। रक्षा मंत्री ने बोइंग व रेथियान के प्रमुखों से कहा कि वे मेक इन इंडिया को ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की ओर तेजी से बढ़ाने में मदद करें। 2+2 वार्ता के पूर्व आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन व पीएम नरेंद्र मोदी के बीच वर्चुअल बैठक प्रस्तावित है।
रक्षा मंत्री के कार्यालय ने इस मुलाकात के बाद ट्वीट कर यह जानकारी दी। राजनाथ सिंह पांच दिनी अमेरिका यात्रा पर रविवार को वॉशिंगटन डीसी पहुंचे। इस यात्रा के दौरान वे भारत अमेरिका के बीच चौथी 2+2 वार्ता करेंगे। यह दोनों देशों के रक्षा व विदेश मंत्रियों के बीच होती है। 15 अप्रैल तक अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अमेरिकी नेतृत्व से चर्चा करेंगे।
राजनाथ सिंह सोमवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. आस्टिन से मुलाकात करेंगे। इसके बाद दोनों देशों के रक्षा व विदेश मंत्रियों के बीच 2+2 वार्ता होगी। इसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 2+2 वार्ता दोनों पक्ष विदेश नीति, रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र में रणनीतिक मार्गदर्शन व परस्पर रिश्ते और मजबूत करने पर विचार करेंगे।
मंत्रालय के प्रवक्ता अदिंरम बागची ने यह भी कहा कि 2+2 भारत-अमेरिका मंत्रिस्तरीय वार्ता महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करने और साझा हितों और चिंताओं को दूर करने के मुद्दों पर भी एक अवसर प्रदान करेगी। 11-12 अप्रैल को अमेरिका में अपने प्रवास के दौरान भारत-अमेरिका रणनीतिक वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ सदस्यों के अलावा अपने समकक्ष, विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से मुलाकात करेंगे।
ब्लिंकन ने की थी जयशंकर से बात
2+2 वार्ता से पहले, ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते जयशंकर से यूक्रेन की स्थिति सहित क्षेत्रीय और वैश्विक प्राथमिकताओं को लेकर बात की थी। दोनों देशों के बीच पिछली 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता अक्टूबर 2020 में नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। भारत और अमेरिका ने पिछले साल सितंबर में वॉशिंगटन में द्विपक्षीय 2+2 वार्ता की थी। इस मौके पर दक्षिण एशिया, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और पश्चिमी हिंद महासागर में विकास पर आकलन का आदान-प्रदान किया गया था।
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