रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (rajnath singh)) शनिवार को मास्को (Moscow) से ईरान (iran) पहुंच गए हैं। सिंह ने एक ट्वीट में कहा ईरान के लिए मास्को से रवाना हो रहा हूं। मैं ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल आमिर हरामि से मुलाकात करूंगा। भारत ने शुक्रवार को कहा था कि वह फारस की खाड़ी में स्थिति को लेकर बेहद चिंतित है। फारस की खाड़ी में हाल के हफ्तों में ईरान अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात से संबंधित कई घटनाओं ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है।
पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण स्थिति के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगही को स्पष्ट संदेश दिया है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा का पूरा सम्मान करें और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश ना करें। मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पैदा हुए तनाव के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्चस्तरीय आमने-सामने की बैठक हुई।
‘तनाव कम करने के लिए भारतीय पक्ष के साथ मिलकर काम करे चीन’
मॉस्को में शुक्रवार को हुई बैठक में सिंह ने वहीं से कहा की पेंगॉग झील समेत गतिरोध वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की यथाशीघ्र पूर्ण वापसी के लिए चीन को भारतीय पक्ष के साथ मिलकर काम करना चाहिए। शनिवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक भारत ने अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध होने का जिक्र किया।
चीन के ये कदम द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा, आक्रामक व्यवहार और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश जैसे चीन के कदम द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन हैं। सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात को जिम्मेदारी से सुलझाने की जरूरत है और दोनों पक्षों की ओर से आगे कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे मामला जटिल हो और सीमा पर तनाव बढ़े।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved