नई दिल्ली। सुपरस्टार से राजनेता बने रजनीकांत ने अब राजनीति से हमेशा के लिए अलग होने के फैसला ले लिया है। रजनीकांत ने सोमवार को अपने बनाए राजनीतिक संगठ रजनी मक्कल को भी भंग कर दिया. इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि अब भविष्य में फिर से राजनीति में आने का उनका कोई इरादा नहीं है। इससे यह साफ होता है कि सुपरस्टार रजनीकांत ने अब राजनीति को हमेशा-हमेशा के लिए विदा कर दिया है।
रजनीकांत ने अपने बयान में कहा, “हमने रजनी मक्कल मंदरम को रजनी रसीगर मंदरम में बदल दिया है. मैने राजनीति में आने का फैसला किया था तो पूरे राज्य में कई पदों और समूहों का निर्माण किया था. लेकिन अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण, हम वह हासिल नहीं कर पाए जो हम चाहते थे। मेरी भविष्य में राजनीति में आने की कोई योजना नहीं है। अत: मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि रजनी मक्कल मंदरम भंग कर दिया जाएगा और यह पहले की तरह कल्याणकारी गतिविधियों को करने के लिए रजनी रसीगर मंदरम के रूप में कार्य करता रहेगा।”
2017 में की थी राजनीति में एंट्री
2017 में, रजनीकांत ने घोषणा की कि वह राजनीति में प्रवेश करेंगे। तब से, उन्होंने आरएमएम पदाधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें कीं और अक्सर राजनीतिक विकास और तमिलनाडु के आसपास के अन्य मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए।
3 दिसंबर, 2020 को रजनीकांत ने कहा कि वह चुनाव लड़ने के लिए जनवरी में एक पार्टी शुरू करेंगे और इसकी घोषणा 31 दिसंबर को की जाएगी। हालांकि, 29 दिसंबर, 2020 को, अभिनेता ने यह घोषणा की कि वह चुनावी मैदान में नहीं उतर सकेंगे इसके पीछे उनके स्वास्थ्य और महामारी को कारण बताया गया। पिछले साल खराब स्वास्थ्य के चलते दक्षिण के मशहूर स्टार ने राजनीति से दूरी बना ली थी और आज अपने राजनीतिक सफर को विराम दे दिया है।
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