इंदौर (Indore)। रंगपंचमी पर कल निकली गेरों और रंगों से बचाव के लिए राजबाड़ा (Rajwada) और गोपाल मंदिर (Gopal Mandir) को बड़ी तिरपालों से ढंकने के लिए निगम की टीमों ने खासी मशक्कत की थी। हाइड्रोलिक गाडिय़ों की मदद से काफी ऊंचाई तक तिरपाल बांधी गई और इस पर करीब 7 लाख रुपये का खर्च आया है।
रंगपंचमी के पहले से ही सराफा, खजूरी बाजार, राजबाड़ा और अन्य कई गेर मार्गों के बड़े शोरूम और दुकानों को तिरपाल से ढंकने का काम शुरू हो गया था, वहीं करोड़ों की लागत से संवारे गए राजबाड़ा और गोपाल मंदिर को भी रंगों से बचाने के लिए स्मार्ट सिटी और निगम के अफसर मशक्कत में जुटे रहे। वहां तीन दिनों तक राजबाड़ा के चारों कोनों और मुख्य प्रवेश द्वार के आसपास तिरपाल लगाने का काम चलता रहा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री डीआर लोधी के मुताबिक इसके लिए कई बड़ी फर्मों से संपर्क कर ऐसी तिरपालें बुलवाई गई, जिससे ज्यादा से ज्यादा हिस्से कवर किए जासके।
फिर बी राजबाड़ा के आधे अधूरे हिस्से ही कवर हो पाए थे। वहीं दूसरी और गोपाल मंदिर क तिरपाल से पूरी तरह ढंक दिया गया था, इसके लिए हाइड्रोलिक मशीन पर कर्मचारियों की मदद से तिरपाल अलग अलग हिस्सों में बांधी गई। श्री लोधी के मुताबिक करीब 7 लाख रुपये की तिरपाल और अन्य खर्च आया है। कुछ दिनों पहले ही 17 करोड़ से संवारे गए राजबाड़ा का लोकार्पण हुआ था और उसकी सुरक्षा को लेकर अधिकारियों ने पहले दौरा कर स्थिति देखी थी। कल गेर की समाप्ति के बाद रात में राजबाड़ा के हिस्सों से तिरपाल हटाने का काम भी शुरू कर दिया गया।
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