जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में मंत्रिमंडल पुनर्गठन (cabinet reorganization) के बाद भी वहां कांग्रेस पार्टी (congress party) में कलह (discord) खत्म होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. शपथ ग्रहण समारोह के चंद घंटों बाद ही राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan congress) में असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। उदयपुर से विधायक और वरिष्ठ पार्टी नेता दयाराम परमार (Dayaram Parmar) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को चिट्ठी लिखी है.
दयाराम परमार ने सीएम अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि क्या मंत्री बनने के लिए कोई विशेष योग्यता होती है। बता दें कि कांग्रेस के छह वरिष्ठ विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सलाहकार बनाया गया है। इनमें डॉ जितेंद्र सिंह, बाबूलाल नागर, राजकुमार शर्मा, संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा और दानिश अबरार शामिल हैं।
इन सलाहकारों को राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। बता दें कि इसमें से निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर, संयम लोढ़ा और रामकेश मीणा ने सचिन पायलट के ख़िलाफ़ कुछ दिन पहले ही मोर्चा खोला था।
माना जा रहा है कि इन नेताओं को पायलट के खिलाफ बोलने का इनाम मिला है। डॉक्टर जितेन्द्र सिंह गुर्जर समुदाय से आने वाले वरिष्ठ विधायक हैं जो गहलोत सरकार के पिछले दोनों सरकारों में मंत्री रहे थे।
दानिश अबरार सचिन पायलट के दोस्त थे जो दिल्ली में उनका साथ छोड़ कर गहलोत कैंप में शामिल हो गए थे. राजकुमार शर्मा का नाम मंत्री बनने की सूची में तय माना जा रहा था मगर नाम कटने से वो दुखी थे. यही वजह है कि उन्हें भी सलाहकार बना दिया गया है।
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