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    Rajasthan : नरेश मीणा की गिरफ्तारी से भड़के समर्थक, जयपुर-अजमेर से बुलाई गई पुलिस फोर्स, हाईवे जाम कर की आगजनी

  • November 14, 2024

    टोंक. राजस्थान (Rajasthan) के टोंक (Tonk) में एसडीएम (SDM) को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा (Naresh Meena) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. टोंक के एसपी भारी पुलिस फोर्स के साथ नरेश मीणा को गिरफ्तार करने उसी गांव में पहुंचे थे, जहां मीणा अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे थे. हालांकि इस दौरान नरेश मीणा सरेंडर करने से मना करते रहे. वो कह रहे थे कि जबतक उनकी शर्त नहीं मानी जाती तबतक वो सरेंडर नहीं करेंगे, हालांकि पुलिस ने मीडिया के सामने ही नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया.

    समरवाता में बवाल को रोकने के लिए पुलिस की पांच कंपनियां जयपुर और तीन कंपनियां अजमेर से बुलाई गई हैं ताकि इस हाईवे को ब्लॉक करने से रोका जा सके.


    नरेश के समर्थकों ने गांव से निकलने वाले हाईवे को ब्लॉक कर दिया है. वहां पत्थरों को तोड़-तोड़कर पत्थरबाजी कर रहे थे. उन्होंने रोड पर ट्रैक्टर और ट्रकों के पहियों को रोड पर रखकर उसमें आग लगा दी. इतना ही ट्रैक्टर के हलों को रखकर रोड को जाम कर दिया गया है.

    नरेश मीणा के समर्थक आसपास के खेतों में हैं और जैसे ही पुलिस आती है वो वहां से भाग जाते हैं. उन्हें भगाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े जा रहे हैं.

    नरेश मीणा को गिरफ्तार कर जब पुलिस सामरवाता गांव से निकल गई. उसके बाद उनके समर्थकों ने गांव के बाहर सड़क पर आगजनी की. हालांकि यहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है. जहां आगजनी हुई, वहां तुरंत पुलिस बल मौके पर पहुंचा और आग पर काबू पाया.

    टोंक के एसपी विकास सांगवान का कहना है, ”नरेश मीणा ने कानून हाथ में न लेने और सरेंडर करने को कहा है. पहले तो वह मूड में नहीं था, लेकिन पुलिस बल देखकर तैयार हो गया. उस पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. इसके अलावा उस पर दर्ज पुराने मामलों को फिर से खोला जाएगा. इस मामले में 50-60 लोगों को हिरासत में लिया गया है.”

    नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद उसके समर्थकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी, जिसके बाद आंसू गैस के गोले छोड़े गए. वहीं नरेश मीणा ने कहा कि वो डरेंगे नहीं और पीछे नहीं हटेंगे.

    वहीं इस थप्पड़ कांड को लेकर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने राज्य में लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाया है. गहलोत ने कहा, “ऐसी परिस्थितियां क्यों बनी कि एसडीएम को थप्पड़ मारा गया? उसका इतना साहस कैसे हो गया? भाजपा को विपक्ष के सुझावों के प्रति कोई सहनशीलता नहीं है. इस साल में राज्य सरकार ने क्या किया है? जब लोगों में डर नहीं होता तो वे कानून अपने हाथ में ले लेते हैं, आज पूरे प्रदेश में यही स्थिति है…”

    ये भी बताया जा रहा है कि नरेश मीणा और पुलिस के बीच कल ही गिरफ्तारी को लेकर बातचीत हो गई थी कि वो इसी गांव में रहेंगे और यहीं से उनकी गिरफ्तारी की जाए.

    नरेश मीणा को अपने साथ लेकर पुलिस गांव से चली गई. नरेश की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर उन्हें तितर-बितर कर दिया.

    नरेश मीणा इस समय उसी समरावता गांव में मौजूद थे, जहां पर बवाल हुआ था. उसी गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया था.

    नरेश मीणा की गिरफ्तारी के विरोध में गांव में फिर से हंगामा किया गया. नरेश के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की.

    पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है.

    पुलिस नरेश मीणा से सरेंडर करने के लिए कह रही है. मीडिया के सामने नरेश मीणा कह रहे हैं कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक वो सरेंडर नहीं करेंगे. जब तक यहां कलेक्टर नहीं आतीं तबतक हम सरेंडर नहीं करेंगे.

    पुलिस पूरी तैयारी के साथ नरेश मीणा को गिरफ्तार करने के लिए गांव में घुस रही है. पूरी फोर्स को लेकर टोंक के एसपी विकास सांगवान नरेश मीणा की गिरफ्तारी के लिए पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हुए हैं. किसी तरह की हिंसा न हो, इसके लिए भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है. पुलिस की ओर से लगातार लाउडस्पीकर से ऐलान किया जा रहा है कि कोई भी कानून अपने हाथ में न ले और कानून का साथ बनाए रखें.

    नरेश मीणा ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि गांव के लोग वोटिंग का बहिष्कार कर रहे थे, लेकिन एसडीएम बीजेपी कैंडिडेट को जिताने के लिए वहां फर्जी वोटिंग करा रहे थे. इतना ही नहीं एसडीएम ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, उसके पति और एक टीचर को धमकाया कि अगर वोट नहीं डाला तो उनकी सरकारी नौकरी चली जाएगी.

    नरेश मीणा ने क्या कहा था?
    मीणा ने कहा, “एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद मैंने मांग की थी कि कलेक्टर यहां आएं, लेकिन कलेक्टर नहीं आईं. वो हाथों में मेहंदी लगाकर बैठी थीं. इसी मांग को लेकर मैं धरने पर बैठा था, लेकिन मेरे लिए खाना और गद्दा आ रहे थे उन्हें भी पुलिस ने नहीं आने दिया और फिर मेरे समर्थकों पर लाठीचार्ज किया गया. मुझ पर मिर्ची बम से हमला किया, जिसमें मैं बेहोश हो गया और फिर मेरे साथी मुझे लेकर पांच किलोमीटर दूर किसी घर में छिपा दिया. मैंने कहा कि एसपी यहां आएं और मेरी गिरफ्तारी करें, लेकिन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की जाए.”

    उन्होंने कहा कि प्रशासन सुनने वाला नहीं है. एसपी, एसडीएम और पुलिस वालों ने जनता के खिलाफ काम किया. उन्होंने कहा कि मैं यहां गिरफ्तारी देने आया हूं. मैं इसलिए आया हूं कि गांव वालों को ऐसा न लगे कि मैं छोड़कर भाग गया. मैं गांव वालों के साथ खड़ा हूं. मुझे नुकसान से फर्क नहीं पड़ता. गांव की जिन गाड़ियों को जलाया गया, वो मेरे साथियों नहीं ने नहीं बल्कि पुलिसवालों ने जलाई. मैं भीख मांगकर गांव वालों के लोगों के नुकसान की भरपाई करूंगा.

    राजस्थान की इन सीटों पर हुए उपचुनाव
    राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों- झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ के लिए 13 नवंबर को वोटिंग हुई. इसके नतीजे 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. सूबे में जिन सात सीटों पर उपचुनाव हुए, उनमें से चार कांग्रेस के पास थीं और एक-एक बीजेपी, बीएपी आरएलपी के पास थी. दो सीटों पर उपचुनाव मौजूदा विधायकों- कांग्रेस के जुबैर खान (रामगढ़) और बीजेपी के अमृतलाल मीना (सलूंबर) के निधन के कारण हो रहे हैं.

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    41 e-checkgates will be established to control illegal mineral transportation in MP, all 7 thousand mines have been geo-tagged

    Thu Nov 14 , 2024
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