नई दिल्ली । राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने राज्य के स्कूलों (Schools) में पढ़ाई जा रही गोधरा कांड (Godhra incident) पर आधारित किताब (Book) को वापस लेने का आदेश जारी किया है. सभी स्कूलों से कहा गया है कि बांटी गई किताबों को भी वापस मंगवाया जाए, और इस किताब को खरीदने के निर्देश रद्द कर दिए गए हैं.
पिछली गहलोत सरकार के दौरान ‘अदृश्य लोग- उम्मीद और साहस की कहानियां’ नाम की किताब सरकार ने राजस्थान के स्कूली सिलेबस में शामिल किया था, जिसे अब हटाने का निर्णय लिया गया है. राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि इस किताब में गोधरा कांड के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है और समाज को बांटा जा रहा है. किताब में गोधरा में ट्रेन जलाने वालों का महिमामंडन किया जा रहा है और हिंदुओं को अपराधी की तरह पेश किया जा रहा है. गुजरात की तत्कालीन सरकार के बारे में भी गलत चीजें लिखी गई हैं.
मदन दिलावर ने पूर्व शिक्षामंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा पर जानबूझकर इस तरह की किताब राजस्थान के बच्चों को पढ़ाने की साजिश का आरोप लगाया है. इसके जवाब में, पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में इस किताब का अनुमोदन नहीं किया था और मदन दिलावर पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है.
क्यों है किताब विवादों में?
यह किताब पूर्व IAS अधिकारी हर्ष मंदर ने लिखी है, जो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कई जिलों में कलेक्टर रह चुके हैं और सेवानिवृत्ति के बाद एक NGO में काम करते हैं. हाल के दिनों में इन पर सीबीआई जांच भी शुरू हुई है. मंदर ने इस किताब में अपने देखे हुए अनुभवों को लोगों के जरीए बताया है कि गोधरा में ट्रेन पर हमला एक आतंकी साजिश थी और उसके बाद किस तरह से मुसलमानों को टारगेट किया गया. राहत कैंपों में रहने के दौरान वे उन पर किस तरह से ज़ुल्म ढाए गए. दावा किया गया है कि बहुत सारे बच्चे अभी तक लापता हैं तो वहीं दूसरे धर्म के मानने वालों को पहचान छुपाकर रहना पड़ रहा है.
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