जयपुर (Jaipur)। राजस्थान (Rajasthan) में बीजेपी (BJP) की पहली लिस्ट (First list ) जारी होने के बाद सियासी बवाल (Political uproar) थमने का नाम नहीं ले रहा है। वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) समर्थकों ने बगावत कर दी है। 41 में से दो दर्जन सीटों पर बागियों ने ताल ठोक दी है। वक्त का नजाकत को भांपते हुए बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल के तहत केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी (Union Minister Kailash Chaudhary) की अध्यक्षता में बागियों के मनाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। लेकिन बागी झुकने के लिए तैयार नहीं है। वसुंधरा राजे समर्धक भरतपुर जिले की नगर की पूर्व विधायक अनिता सिंह गुर्जर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
इस प्रकार बानसूर से पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा (Former minister Rohitashv Sharma) ने भी बगावत कर दी है। जयपुर ग्रामीण जिले से वसुंधरा राजे समर्थत जितेंद्र मीणा ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने के संकेत दिए है। जबकि बस्सी से ही पूर्व विधायक कन्हैयालाल मीणा समर्थकों से बातचीत करने के बात कह रहे हैं। सांचौर विधानसभा सीट घोषित उम्मीदवार सांसद देव जी पटेल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन तेज हो रहे रहे है।
बीजेपी विधायक राजवी ने दिखाए तेवर
राजस्थान में बीजेपी कई गुटों में बंटी हुई है। ऐसे में पार्टी ने पहली लिस्ट जारी करते ही बगावत तेज हो गई है। भैरों सिंह शेखावत के दामाद और विधायक नरपत सिंह राजवी टिकट ने से बेहद नाराज है। उनका जयपुर की विद्याधर नग सीट से टिकट काट दिया गया है। उनके स्थान पर सांसद दीय कुमारी को टिकट दिया गया है। इससे नाराज राजवी ने ने दीया कुमारी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुगलो के सामने घुटने टेकने वालों के सामने बीजेपी इतना मेहरबान क्यों है। हालांकि, बवाल मचने के बाद वह अपने बयान से पलट गए। विवाद को थामने के लिए खुद प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने राजवी से उनके आवास पर आधे घंटे बात की है। इसके बाद सुर नरम हुए है। लेकिन 23 अक्टूबर के बाद रणनीति के संकेत भी दिए है।
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