जयपुर। कांग्रेस आज पूरे राज्य में हर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगी। प्रदर्शन आज सुबह 11 बजे होगा। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने कल ट्वीट कर कहा, भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ कल (शनिवार) सुबह 11 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान में जारी सियासी गहमागहमी के बीच बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकारें जनता के बहुमत से बनती हैं, राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए।
राहुल गांधी ने #ArrogantBJP के साथ ट्वीट कर कहा कि देश में संविधान और क़ानून का शासन है। सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं। राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है। राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल कहा कि यहां उल्टी गंगा बह रही है। हम कह रहे हैं कि बहुमत साबित करने के लिए हम विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं। हमारे कदम को विपक्ष को भी वेलकम करना चाहिए था, यही लोकतंत्र की परंपरा रही है। राज्यपाल महोदय हमारे संवैधानिक मुखिया हैं। हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे विधानसभा सत्र बुलाएं।
सीएम गहलोत ने कहा कि मुझे कहते हुए संकोच नहीं है बिना ऊपर के फैसले के वे इसे रोक नहीं सकते हैं, क्योंकि इस तरह के फैसले सरकार और राज्यपाल आपस में बात करके सुलझा लेते हैं। हमने तमाम विधायकों से कहा है कि हमें गांधी जी के रास्ते पर चलना है।
विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर राजभवन में धरने पर बैठे कांग्रेस और उसका समर्थन कर रहे दलों के विधायकों ने राज्यपाल कलराज मिश्रा की ओर से आश्वासन मिलने के बाद अपना करीब पांच घंटे लंबा धरना समाप्त किया। मिश्रा ने कहा कि सत्र आहूत करने के संबंध में वह बिना किसी दबाव और द्वेष के संविधान का पालन करेंगे। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राज्यपाल ने इस बारे में फैसला करने से पहले कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। राजभवन की ओर से छह बिंदुओं के साथ पत्रावली राज्य सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय को भिजवाई गयी है।
सुरजेवाला ने कहा कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वह संविधान के अनुच्छेद 174 के अनुरुप ही कदम उठाएंगे। उक्त अनुच्छेद राज्य विधानसभा का सत्र आहूत करने में राज्यपाल की भूमिका से जुड़ा है।
घटनाक्रम की शुरुआत शुक्रवार को उस वक्त हुई जब मुख्यमंत्री गहलोत ने दोपहर करीब 12 बजे मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार के आग्रह के बावजूद ‘ऊपर से दबाव’ के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है और विधानसभा में “दूध का दूध और पानी का पानी” हो जाएगा।
गहलोत ने कहा था, ‘‘राज्यपाल अंतरात्मा के आधार पर, शपथ की जो भावना है उसके आधार पर फैसला करें। वरना, अगर प्रदेश की जनता राजभवन का घेराव करने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। इसके बाद गहलोत और उनके समर्थक विधायक बसों से राजभवन पहुंचे। राजभवन में मुख्यमंत्री गहलोत पहले अकेले राज्यपाल मिश्र से मिले और उन्हें विधायकों के समर्थन पत्र सौंपते हुए सत्र बुलाने का आग्रह किया। इस बीच बाहर लॉन में बैठे विधायकों ने ‘रघुपति राघव राजाराम और हम होंगे कामयाब’ पर सुर मिलाते हुए कहा कि वे धरने पर बैठे हैं और सत्र आहूत करने की तारीख तय होने के बाद ही यहां से जाएंगे। राज्यपाल मिश्र विधायकों के सामने आए, अपनी बात उनसे कही और वापस अपने कार्यालय में चले गए। वहीं भाजपा के नेताओं ने ‘‘जनता द्वारा राजभवन के घेराव’’ वाले गहलोत के बयान पर आपत्ति जताई। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तैनात करे। कटारिया ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जनता आकर राजभवन को घेर लेगी। मैं केंद्र से आग्रह करता हूं कि राजस्थान में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ तैनान की जाए। कटारिया के अनुसार इसके लिए राजस्थान पुलिस पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री का राजभवन को घेरने वाला बयान असंवैधानिक है।
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