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    Rajasthan Political Drama:भाजपा ने संविधान को बनाया सर्कस

  • July 24, 2020

    • हमारा भाजपा से कोई संबंध नहीं, हम कांग्रेस में हैं और रहेंगेः पायलट ग्रुप
    • भाजपा ने प्रजातंत्र को द्रौपदी व जनमत को बंधक बनायाः रणदीप सुरजेवाला
    • विधानसभा का सत्र बुलाने को बाध्य हैं राज्यपाल

    जयपुर। राजस्थान का सियासी ड्रामा सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के बाद राजभवन में शिफ्ट हो गया है। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की बगावत के बाद शुरू हुए विवाद को सीएम गहलोत राजभवन लेकर चले गए हैं। अशोक गहलोत सरकार के समर्थक कांग्रेस विधायक शुक्रवार की अपराह्र राजभवन पहुंचे। जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक होटल से ये विधायक बसों से अपराह्र लगभग ढाई बजे राजभवन पहुंचे। ये विधायक विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से सामूहिक आग्रह करने पहुंचे हैं। इधर, सचिन पायलट ग्रुप का दावा है कि हमारे ऊपर केन्द्र को पार्टी बनाने का आरोप गलत है। ये आपत्ति महेश जोशी के वकील ने कोर्ट में दर्ज की थी कि ये संविधान में बदलाव का मामला है। यदि इसमें केन्द्र पार्टी नहीं है तो याचिका डिफेक्टिव है, इसलिए हमें केंद्र को पार्टी बनाना पड़ा बार-बार केंद्र और बीजेपी के साथ नाम जोड़कर हमें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। हमारा बीजेपी से कोई संबंध नहीं, हम कांग्रेस में हैं और रहेंगे।
    सुरजेवाला का आरोप
    वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी ने सविंधान को ‘सर्कस’ बना दिया है। प्रजातंत्र को ‘द्रौपदी’ व जनमत को ‘बंधक’। भूलें मत, ‘द्रौपदी के चीरहरण’ करने वाले ‘कौरवों’ का जो हाल हुआ था, वही हाल ‘कृष्ण रूपी’ राजस्थान की जनता भाजपाई साज़िश का करेगी। अब होगा न्याय!

    सीएम अशोक गहलोत की ओर से दो बार विधायकों की बैठक बुलाई गई, लेकिन सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक उसमें शामिल नहीं हुए। इसके बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद और उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद सभी पायलट समर्थक विधायकों को बागी घोषित कर दिया, जिसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने इन विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इसके बाद सचिन पायलट गुट हाई कोर्ट पहुंच गए। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सचिन पायलट गुट के लोगों को फौरी राहत मिल गई है, जो एक तरह से अशोक गहलोत खेमे की सांकेतिक हार मानी जा रही है। क्योंकि गहलोत खेमा इन बागी विधायकों की बर्खास्तगी हर हाल में चाहती है, जो फिलहाल पूरी होती नहीं दिख रही है। इस वजह से सीएम अशोक गहलोत विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि अशोक गहलोत का खेमा विधानसभा के जरिए पायलट गुट के विधायकों को बर्खास्त करना चाहते हैं।

    कानून के मुताबिक अगर किसी राज्य की सरकार लगातार दो बार राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करते हैं तो वे इसका आदेश देने के लिए बाध्य हैं। फिलहाल सीएम अशोक गहलोत पहली बार विधानसभा का सत्र बुलाने का अनुरोध करने पहुंचे हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि सीएम अशोक गहलोत बताएं कि आखिर वह विधानसभा का सत्र क्यों बुलाना चाहते हैं। फिलहाल राज्यपाल ने कहा है कि वह कानूनी सलाह लेने के बाद ही विधानसभा सत्र बुलाने पर फैसला लेंगे।

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