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    कोटा सांसद ओम बिरला मोदी कैबिनेट से क्‍यों हुए बहार? सामने आई यह बड़ी वजह

  • June 11, 2024

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। राजस्थान (Rajasthan)के कोटा सांसद ओम बिरला(Kota MP Om Birla) को मोदी कैबिनेट (modi cabinet)में शामिल नहीं करने के बाद उनके भविष्य(Future) को लेकर तरह-तरह की अटकलें(Speculation) लगाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में पिछले कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष रहे ओम बिरला को जगह नहीं दी गई है। माना जा रहा था कि स्पीकर का कार्यकाल पूरा करने के बाद बिरला को कैबिनेट में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। माना यह भी जा रहा है कि ओम बिरला फिर से लोकसभा अध्यक्ष बन सकते है। ऐसा नहीं होता है तो पार्टी उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।

    बीजेपी के पास अपना बहुमत मजबूत नहीं

    सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी सांसद ओम बिरला को फिर से लोकसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिल सकती है। क्योंकि उन्होंने नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। पहले चर्चा थी कि ओम बिरला को इस बार मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, कुछ लोग नए नामों पर भी चर्चा कर रहे हैं। उनका तर्क है कि इस बार मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत तो मिला है, लेकिन मजबूत बहुमत नहीं मिला है। सरकार बनाने के लिए बीजेपी को अपने सहयोगी विशेषकर तेलुगु देशम् पार्टी- टीडीपी के एन. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और जनता दल यूनाइटेड- जेडीयू के नीतीश कुमार के साथ कई बार चर्चा करनी पड़ी।


    बीजेपी की नजर लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर क्यों है

    बीजेपी लोकसभा अध्यक्ष का पद अपने पास ही रखना चाहती है। इसकी वजह है कि यह है कि पिछले कुछ वर्षों में, सत्तारूढ़ दलों के भीतर विद्रोह के कई मामले सामने आए हैं, जिसके कारण विभाजन हुआ और सरकारें भी गिरीं। ऐसे मामलों में दल-बदल विरोधी कानून लागू होता है और यह कानून, सदन के अध्यक्ष को बहुत शक्तिशाली स्थिति देता है। कानून में कहा गया है, सदन के सभापति या अध्यक्ष के पास दलबदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने की पूर्ण शक्ति है। बता दें नीतीश कुमार पहले भी बीजेपी पर उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगा चुके हैं। इसलिए, किंगमेकर बगावत की स्थिति में नहीं आना चाहते और ऐसी किसी भी रणनीति के खिलाफ ढाल के तौर पर स्पीकर का पद चाहते हैं।

    बिरला को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

    उल्लेखनीय है कि ओम बिरला पीएम मोदी के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। इस बार कोटा से जीत की हैट्रिक लगाई है। पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में बिरला को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया था। इस बार कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की संभावना थी लेकिन ऐसा नहीं होने के बाद यही संभावना बनी है कि बिरला को एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है और वे अपना कार्यकाल पूरा करते हैं तो बिरला के नाम एक नया रिकॉर्ड बन जाएगा। वे बलराम जाखड़ के बाद दूसरे ऐसे स्पीकर होंगे जो लगातार दो कार्यकाल पूरा करेंगे। हालांकि, चर्चा यह भी है कि उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में पूरी तस्वीर साफ हो सकती है।

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