जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने जेल में बंद आसाराम बापू (Jailed Asaram Bapu) की याचिका को खारिज कर दिया (Dismissed the Petition) । याचिका में आसाराम बापू ने मनोज बाजपेयी अभिनीत फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ को सिनेमाघरों और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जेल में बंद आसाराम ने ओम प्रकाश लखानी के साथ पहले जी5 स्टूडियो द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह उनकी अनुमति के बिना उनके जीवन पर आधारित है और उन्हें नकारात्मक तरीके से दिखाया गया है।
जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने याचिका खारिज करते हुए कहा, फिल्म के ट्रेलर को देखने के बाद साफ कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ता नंबर 2 का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए, याचिकाकर्ता इस फिल्म के संबंध में किसी भी अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश को पारित करने के लिए इस न्यायालय को राजी करने के लिए प्रथम ²ष्टया ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं। न्यायमूर्ति ने आगे कहा कि फिल्म की रिलिजिंग पर रोक नहीं लगाई जा सकती, क्योंकि फिल्म पहले ही रिलीज हो चुकी है और चूंकि याचिकाकर्ताओं ने समय पर अपना मामला दायर नहीं किया है। स्टे देने से फिल्म के निमार्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान होगा।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि फिल्म द्वारा आसाराम की प्रतिष्ठा और उनके गोपनीयता अधिकारों का उल्लंघन किया गया है, क्योंकि यह कथित तौर पर उन्हें रावण नामक एक खलनायक चरित्र के रूप में चित्रित करता है, जिसने जघन्य अपराध किए हैं। दूसरी ओर, उत्तरदाताओं के वकील ने कहा कि फिल्म के शुरूआती हिस्से में एक स्पष्ट खंडन है कि यह वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित एक काल्पनिक काम है।
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