जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) सरकार ( government) ने शनिवार को कैबिनेट (cabinet) की बैठक में छल से धर्मांतरण (forced conversion) के खिलाफ आगामी विधानसभा सत्र (Assembly Session) में कठोर बिल लाने का फैसला किया है. शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए.
बल-छल पूर्वक धर्मांतरण रोकने के लिए आएगा विधेयक
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रलोभन अथवा कपटपूर्वक धर्मांतरण के प्रयासों को रोकने के लिए ‘द राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024’ विधानसभा में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी राज्य में अवैध रूप से धर्मांतरण को रोकने के संबंध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है, इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में इसके प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस विधेयक के कानून बनने के बाद कोई व्यक्ति या संस्था, किसी व्यक्ति पर मिथ्या निरूपण, कपटपूर्वक, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव आदि का प्रयोग कर धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकेंगे. अगर कोई व्यक्ति अथवा संस्था ऐसा कृत्य करते हैं, तो उन्हें कठोर दंड दिया जाएगा.
अगर कोई व्यक्ति कानून के खिलाफ धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से विवाह करता है, तो पारिवारिक न्यायालय ऐसे विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है. इस कानून में अपराध गैर-जमानती व संज्ञेय होंगे. उन्होंने कहा कि अन्य कई राज्यों में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए पहले से ही कानून अस्तित्व में हैं.
आरएसी और एमबीसी कांस्टेबल के पदों पर शैक्षणिक योग्यता सीनियर सैकेंडरी होगी
उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि आरएसी और एमबीसी कांस्टेबल पद पर भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता में बदलाव करते हुए इसे सीनियर सैकेंडरी किया जाएगा. इसे देखते हुए राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के संगत नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है. इससे समान पात्रता परीक्षा के अंतर्गत राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा के कांस्टेबल पद के साथ ही आरएसी और एमबीसी कांस्टेबल भर्ती भी की जा सकेगी.
भरतपुर और बीकानेर विकास प्राधिकरणों के लिए आएंगे अध्यादेश
प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि कैबिनेट ने भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. इनके गठन के लिए भरतपुर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 और बीकानेर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 लाए जाएंगे. इन शहरों में विकास प्राधिकरण बनने से यहां विकास सुव्यवस्थित और नियोजित ढंग से हो सकेगा.
विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जिला-एक उत्पाद’ नीति
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि जिलों के विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए ‘राजस्थान एक जिला एक उत्पाद नीति-2024’ को स्वीकृति प्रदान की गई है. ओडीओपी नीति के अमल में आने से जिलों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही कारीगरों, शिल्पकारों, कृषकों और निर्माताओं की आय भी बढ़ेगी.
रोजगार और राजस्व में बढ़ोतरी के लिए राजस्थान खनिज नीति-2024
पटेल ने बताया कि बजट घोषणा को पूरा करते हुए कैबिनेट द्वारा स्वीकृत राजस्थान खनिज नीति-2024 प्रदेश में खनन आधारित उद्योगों, औद्योगिक निवेश, युवाओं व स्थानीय लोगों को रोजगार व राजस्व में बढ़ोतरी के साथ ही अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने में कारगर साबित होगी.
लैंड कन्वर्जन रूल्स-2007 में संशोधन
जोगाराम पटेल ने बताया कि वर्तमान में एससी-एसटी वर्ग के व्यक्तियों को राजस्थान भू-राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन) नियम-2007 के नियम 6 (बी) का लाभ नहीं मिल पाता है. काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 42 बी के प्रावधानों के कारण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसान अपनी कृषि भूमि को अक्षय ऊर्जा परियोजना विकासकर्ता को लीज पर नहीं दे सकते हैं. इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने राजस्थान भू-राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन) नियम, 2007 में संशोधन को मंजूरी दी है.
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