नई दिल्ली: राजस्थान सरकार ने पहली बार खेती-किसानी एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए अलग से बजट पेश किया. पहले कृषि बजट (Agriculture Budget) के जरिए सीएम अशोक गहलोत ने यह बताने की कोशिश की कि किसान उसके लिए कितने अहम हैं. किसान इन दिनों सियासी बहस के केंद्र में बने हुए हैं, ऐसे में राज्य सरकार अभी से किसानों (Farmers) को लुभाने में जुट गई है.
जबकि यहां दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बजट के जरिए कांग्रेस ने बीजेपी शासित राज्यों पर भी अलग से कृषि बजट पेश करने का दबाव बढ़ा दिया है. प्रदेश के 85 लाख परिवार कृषि निर्भर हैं. अशोक गहलोत ने जैविक खेती, ब्याज मुक्त लोन देने, कम पानी की खपत वाली सिंचाई पद्धति को बढ़ावा देने और कृषि क्षेत्र में ड्रोन को प्रमोट करने सहित कई अहम एलान किए.
साल 2022-23 के दौरान भी राज्य सरकार किसानों को ब्याज मुक्त लोन देने की योजना जारी रखेगी. आगामी वर्ष में 5 लाख किसानों को रिकॉर्ड 20,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा. सरकार ने आवारा पशुओं की समस्या से किसानों को निजात दिलाने के लिए दो अहम एलान किए. जिनमें खेतों की तारबंदी के लिए बजट और हर ग्राम पंचायत में नंदीशाला बनाने की घोषणा की गई है.
शुरू होगा जैविक खेती मिशन
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती मिशन शुरू किया जाएगा. इस पर 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे 4 लाख किसान लाभ लाभान्वित होंगे. इसके तहत 3.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा. आर्गेनिक सर्टिफिकेशन के लिए मंडल स्तर पर लैब बनेगी, इस पर 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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